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9 साल पहले बैन हुए 500-1000 के नोटों से फर्जीवाड़ा, साढ़े 3 करोड़ के पीछे ये है पूरी कहानी

दिल्ली के वज़ीरपुर में पुलिस ने 3.59 करोड़ रुपये के बंद हो चुके 500 और 1000 के नोटों के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपियों ने कमीशन के लालच में नोट बेचने की कोशिश की और दावा किया कि RBI में बदले जा सकते हैं. पुलिस आशीष और तरुण की तलाश कर रही है.

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अमान्य नोट जब्त किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू की है. (File Photo: PTI)
अमान्य नोट जब्त किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू की है. (File Photo: PTI)

नोटबंदी के 9 साल बाद भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़ी तादाद में 500 और 1000 रुपए के बरामद किए गए. दो कारों में कुल 3.60 करोड़ रुपए पाए गए. नॉर्थ दिल्ली के वज़ीरपुर इलाके में शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पास बुधवार की रात पुलिस ने इन रद्द किए गए नोटों के साथ कार में बैठे चार लोगों को गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि कमीशन का लालच देकर ये नोट तरुण और आशीष नाम के युवकों ने भेजवाए थे. अब पुलिस इन दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है. 

एजेंसी के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि नॉर्थ दिल्ली के वज़ीरपुर इलाके में एक रेड के दौरान कई करोड़ रुपये के पुराने नोट ज़ब्त किए गए.

उन्होंने बताया कि गैर-कानूनी कैश की आवाजाही की एक टिप पर कार्रवाई करते हुए, दिल्ली पुलिस ने रेड की और पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों से भरे कई बैग बरामद किए, जिन्हें नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद अमान्य घोषित कर दिया गया था.

कार भी जब्त की गई...

एक पुलिस सूत्र ने बताया कि मौके से कई लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनके पास से नोटों से भरे बैग मिले. कैश ले जाने के लिए कथित तौर पर इस्तेमाल की गई दो गाड़ियों को भी ज़ब्त कर लिया गया है.

ज़ब्ती में बड़ी मात्रा में पुराने नोट शामिल लग रहे हैं, और पैसे के सोर्स की जांच की जा रही है. एक अधिकारी ने कहा, "हम हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रहे हैं, जिससे कैश कहां से आया और इसमें कौन-कौन से नेटवर्क शामिल हैं, इसका पता लगाया जा सके." आगे की जांच चल रही है.

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'RBI में बदला जा सकता है...'

पुलिस ने गुरुवार को बताया कि चार लोगों को जेल जाना पड़ा, क्योंकि उन्होंने बंद हो चुके ₹500 और ₹1,000 के नोट लोगों को कम कीमत पर बेचने की कोशिश की थी. आरोपियों ने दावा किया था कि उन्हें रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) में बदला जा सकता है. 

हालांकि, पुलिस ने गुरुवार को शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पास से चार आरोपियों – हर्ष (22), टेक चंद ठाकुर (39), लक्ष्य (28) और विपिन कुमार (38) को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने ₹3.59 करोड़ के पुराने नोट ज़ब्त किए हैं. 

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‘सबूत के तौर पर आधार दिखाएं’ 

अंग्रेजी अख़बार द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (नॉर्थ वेस्ट) भीष्म सिंह ने कहा, “यह गैंग लोगों को बहुत कम दामों पर पुराने नोट देकर धोखा दे रहा था और झूठा दावा कर रहा था कि पहचान के सबूत के तौर पर आधार कार्ड दिखाकर RBI में नोट बदले जा सकते हैं.” 

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अशोक विहार पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी, खास तौर पर, किसी को धोखे से प्रॉपर्टी देने या उसे रखने के लिए राज़ी करना), 61(2) (आपराधिक साज़िश के लिए सज़ा), 62 (कारावास से सज़ा वाले अपराध करने की कोशिश करने की सज़ा), 3(5) (ग्रुप में अपराध करना) और स्पेसिफाइड बैंक नोट्स (देनदारियों की समाप्ति) एक्ट, 2017 की धारा 5 और 7 के तहत केस दर्ज किया गया है. 

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पुलिस ने कहा कि आगे की जांच चल रही है और अपराध में शामिल दूसरे लोगों की तलाश की जा रही है. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान मासूम लोगों को धोखा देने की कोशिश की बात कुबूल की है.

DCP ने आगे कहा, “उनके कामों में धोखाधड़ी, साज़िश और बताए गए बैंक नोट्स एक्ट का साफ़ उल्लंघन शामिल था. चारों आरोपियों को पूरी तरह पता था कि बंद हो चुकी करेंसी रखना गैर-कानूनी है और उनके पास इसे रखने का कोई कानूनी कागज़ात या वजह नहीं थी. उन्होंने माना कि वे जल्दी और गैर-कानूनी पैसा कमाने के लिए इस काम में लगे थे,” 

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पुलिस अधिकारी भीष्म सिंह ने आगे कहा कि वे 2021 से नोएडा के दो लोगों, आशीष और तरुण के संपर्क में थे. उन्होंने बताया, "करीब दो से तीन महीने पहले, इन दोनों लोगों ने उन्हें करोड़ों की बंद हो चुकी करेंसी होने की जानकारी दी और नोट बदलने या उन्हें सर्कुलेट करने में मदद करने के लिए 20% कमीशन का भरोसा दिया. गिरफ्तार किए गए लोगों ने मोबाइल फ़ोन पर मिले निर्देशों पर काम किया.”

 
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