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बदला जाएगा दिल्ली पुराना ड्रेनेज सिस्टम, मानसून में 24 घंटे काम करेगा MCD स्टाफ

दिल्ली की मेयर ने बताया कि एमसीडी कमिश्नर को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मानसून तक एमसीडी के सभी अधिकारी और स्टाफ 24 घंटे काम करेंगे. अलग-अलग शिफ्ट में उनकी ड्यूटी लगाई जाएगी, ताकि दिल्ली में राजेंद्र नगर जैसी घटना न हो. इसके अलावा पूरी दिल्ली में जहां भी खुले तार और केबल हैं, उनका सर्वे किया जाएंगा.  

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बदला जाएगा दिल्ली का पुराना ड्रेनेज सिस्टम
बदला जाएगा दिल्ली का पुराना ड्रेनेज सिस्टम

दिल्ली में जलभराव की वजह से आम लोगों को जान गंवानी पड़ रही है. सड़कों पर पानी भर जाने की वजह से दिल्ली वालों को भारी ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ रहा है. दिल्ली नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय ने ऐलान किया है कि खराब हो चुके दिल्ली के दशकों पुराने ड्रेनेज सिस्टम को बदला जाएगा. मेयर के मुताबिक, दिल्ली में 20-30 साल पुराना ड्रेनेज सिस्टम काम कर रहा है. इसे वर्षों से नहीं बदला गया है और यह पूरी तरह से खराब हो चुका है. साथ ही एमसीडी के अफसरों को खराब ड्रेनेज सिस्टम की सूची तैयार करने और उसको बदलने में आने वाले खर्च का अनुमान लगाने का निर्देश भी दिया गया है.

बता दें कि यह ऐलान ऐसे समय पर आया है जब राजेंद्र नगर के कोचिंग इंस्टिट्यूट के बेसमेंट में जलभराव होने की वजह से तीन यूपीएससी की पढ़ाई करने वाले छात्रों की मौत हुई है. इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने नगर निगम को फटकार भी लगाई है और राजेंद्र नगर इलाके में सभी ड्रेन को साफ करने और अतिक्रमण को हटाने के निर्देश भी दिए हैं. 

दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम को बदला जाएगा

दिल्ली नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय ने गुरुवार को कहा कि हाल ही में राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर की बेसमेंट में पानी भरने से तीन बच्चों की जान चली गई थी. दिल्ली में अभी भी मानसून जारी है और जगह-जगह जलभराव की समस्या दिख रही है. इसे देखते हुए अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं. 

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दिल्ली में जहां-जहां बेसमेंट में अवैध तरीके से कोचिंग सेंटर या लाइब्रेरी चल रही है, उन्हें सील किया जा रहा और आगे भी यह काम जारी रहेगा. दूसरा, राजेंद्र नगर के केस में अतिक्रमण का मामला भी सामने आया है. पूरी दिल्ली में फुटपाथ और नालों पर से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. साथ ही अतिक्रमण के कारण बंद पड़े सभी नालों को खोला जाएगा. जिससे भारी बारिश की वजह से जलभराव न रहे. ऐसे सभी प्वॉइंट्स जहां जल भराव की अधिक समस्या हैं, वहां पोर्टेबल पंप लगाए जाएंगे. 

अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जाएगी

इसके अलावा मेयर ने बताया कि एमसीडी कमिश्नर को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मानसून तक एमसीडी के सभी अधिकारी और स्टाफ 24 घंटे काम करेंगे. अलग-अलग शिफ्ट में उनकी ड्यूटी लगाई जाएगी, ताकि दिल्ली में राजेंद्र नगर जैसी घटना न हो. इसके अलावा पूरी दिल्ली में जहां भी खुले तार और केबल हैं, उनका सर्वे किया जाएंगे और एनडीपीएस और बीएसईएस के साथ मिलकर उन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. 

हाल ही में एक यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र की करंट लगने से मौत हो गई थी. साथ ही दिल्ली के कई इलाकों में पुराने बैरल हैं, जहां सीवर और नाले का पानी एक साथ बहता है. इन इलाकों में जलजमाव की समस्या सबसे ज्यादा होती है. इसलिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन इलाकों का सर्वे कर तुरंत कार्रवाई करें ताकि जलभराव की समस्या को कम किया जा सके.

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गुरुवार को मेयर शैली ओबेरॉय ने डिप्टी मेयर आले इकबाल के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में सभी अधिकारियों को दिल्ली में वार्ड स्तर पर उन नालों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है.

MCD के अधिकारी और स्टाफ 24 घंटे काम करेंगे

दिल्ली के कई इलाकों में पिछले 20-30 वर्षों से वही पुराना ड्रेनेज सिस्टम काम कर रहा है, जिसे वर्षों से नहीं बदला गया है और जो पूरी तरह से खराब हो चुका है. अधिकारियों को इस सूची के अनुसार हर नाले पर आने वाले खर्च का अनुमान भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. मेयर की विवेकाधीन निधि से इन कार्यों पर शीघ्रता से काम शुरू किया जाएगा ताकि दिल्ली में जलजमाव की समस्या का समाधान किया जा सके और राजेंद्र नगर जैसी घटनाएं दोबारा न हों. 
 

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