अलग-अलग वर्गों का समर्थन
लेकिन जैसे-जैसे प्रदर्शन के दिन बीतते गए, शाहीन बाग में सांप्रदायिक सौहार्द्र की अलग तस्वीर दिखने लगी. CAA को लेकर इस विरोध प्रदर्शन को समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन मिला. शाहीन बाग में अब एक खास पोस्टर नजर आ रहा है, जिस पर सभी लोगों की निगाहें टिक गई हैं. इस पोस्टर पर लिखा है यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता. इसका मतलब है कि जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवी-देवता वास करते हैं.
इससे पहले विभिन्न धर्मों हिंदू, सिख, ईसाई को मानने वाले लोग 'सर्व धर्म समभाव कार्यक्रम' में जुटे थे. इस दौरान शाहीन बाग में हवन किया गया और सिख धर्म के अनुयायियों ने 'कीर्तन' किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और इस बात का संकल्प लिया कि वो संविधान की समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा करेंगे. गीता, बाइबल, कुरान के अलावा गुरुवाणी का पाठ किया गया. इसके बाद से ही शाहीन बाग प्रदर्शन में विभिन्न धर्मों से जुड़े पोस्टर नजर आने लगे.
शाहीन बाग का पोस्टर
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए वार्ताकारों को नियुक्त किया है, ताकि उस सड़क को खुलवाया जा सके. लेकिन तीसरे दिन भी तीन वार्ताकारों में से दो वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंचे, लेकिन वार्ता की सभी कोशिशें नाकाम साबित हुईं. अब ये वार्ताकार अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे. इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदर्शन करना अधिकार है, लेकिन प्रदर्शनकारी अनंतकाल तक सड़क बंद नहीं रख सकते.