भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर बड़ा आरोप लगाया है. मनोज तिवारी ने एक आरटीआई का हवाला देते हुए केजरीवाल सरकार पर शिक्षा के नाम पर 2000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस मामले में केजरीवाल और सिसोदिया से इस्तीफे की मांग की है.
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हम एक घोटाले का खुलासा कर रहे हैं जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शामिल हैं. एक आरटीआई से पता चला है कि स्कूलों में कमरों के निर्माण के लिए अतिरिक्त 2000 करोड़ रुपये दिए गए थे, जो केवल 892 करोड़ रुपये में बनाए जा सकते थे. जिन 34 ठेकेदारों को टेंडर दिए गए उनमें उनके रिश्तेदार शामिल हैं.
BJP MP Manoj Tiwari: We're exposing a scam in which Delhi CM & Dy CM are involved. An RTI has revealed that extra Rs 2000 cr was given for constructions of rooms in schools that could've been constructed in only Rs 892 cr. 34 contractors given the task include their relatives pic.twitter.com/92ZkPiQav7
— ANI (@ANI) July 1, 2019
डिप्टी सीएम सिसोदिया पर आरोप लगाते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार कहती है कि उसने शिक्षा में बड़ा काम किया है लेकिन सच ये है कि इन्होंने शिक्षा के नाम पर 2000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. उन्होंने मनीष सिसोदिया से इस मामले पर तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है.
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि स्कूलों में जो नए कमरे बनवाए गए हैं. उनके निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि 300 स्क्वायर फीट का एक कमरा बनाने के लिए 3 से 5 लाख का खर्च आता है लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस कमरे के निर्माण के लिए 24 लाख 86 हजार यानी करीब 25 लाख रुपये दिए है. अभी तक 12,748 नए कमरे निर्माणाधीन हैं, जिनकी कुल लागत 2892 करोड़ है.

मनोज तिवारी के मुताबिक, आरटीआई से एक ऐसा खुलासा हुआ है जिसके बाद केजरीवाल सरकार को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम सिसोदिया ने जिन सरकारी स्कूल में नए कमरे बनाने की जो बात की है, उसमें इन्होंने 2000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार 2892 करोड़ रुपये में 12,748 के कमरे बनवा रही है जोकि ज्यादा से ज्यादा 800 करोड़ में बन सकते हैं. यह कुल 2000 करोड़ का घपला है और जहां तक हमारे पास जानकारी आ रही है उसके हिसाब से जिन 34 ठेकेदारों को यह ठेका दिया गया है उनमें इनके जानकार और रिश्तेदार हैं.
