राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अक्टूबर के मध्य में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है. अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता शनिवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में आ गई. पिछले दो दिनों में पराली जलाने में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे शहर की बिगड़ती हवा में 14 प्रतिशत का योगदान हुआ.
अर्थ साइंसेस मिनिस्ट्री की फोरकास्ट बॉडी SAFAR के अनुसार, दिल्ली का AQI 2.5 पीएम के साथ बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. मौसम संबंधी परिस्थितियों में पराली जलाने की वजह से और प्रदूषण में वृद्धि होती है. SAFAR मेथडोलॉजी के अनुसार जिसमें दो ISRO उपग्रहों के डेटा भी शामिल हैं, दिल्ली की हवा में पराली जलाने का योगदान अचानक बढ़कर 14 प्रतिशत हो गया है.
वहीं, SAFAR ने कहा कि पराली जलाने की घटनाएं धीरे-धीरे बढ़ रही हैं और हवा की दिशा अनुकूल है, जिसकी वजह से प्रदूषण की घुसपैठ तेजी से हो रही है. हालांकि, यह भी कहा गया है कि रविवार को बारिश होने और हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है, लेकिन यह 'खराब' श्रेणी में रहेगा.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो दिनों - 15 और 16 अक्टूबर- में 1,948 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. जबकि 14 अक्टूबर तक 1795 मामले सामने आए थे. पिछले दो दिनों में, पंजाब में 1,089, हरियाणा में 539, उत्तर प्रदेश में 270, राजस्थान में 10 और मध्य प्रदेश में 40 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं.
आंकड़ों से पता चलता है कि दो दिनों के भीतर दर्ज की गईं आग की घटनाएं 14 अक्टूबर तक हुईं घटनाओं की तुलना में काफी अधिक हैं. 6-14 अक्टूबर के बीच पंजाब में कुल 1,008 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं और इसी दौरान हरियाणा में 463 मामले सामने आए.