बिजली के टैरिफ को लेकर दिल्ली सरकार और बिजली कंपनियों में ठनने के आसार नजर आ रहे हैं. सरकार के सवाल पर कंपनियों ने जवाब भेजा दिया है. जवाब में कहा गया है कि कंपनियों के ऑडिट का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है. ऐसे में कोर्ट के फैसला का इंतजार करना चाहिए, जल्दबाजी ठीक नहीं है.
उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने वादों के अनुसार इस फैसले पर अडिग हैं कि बिजली कंपनियों का ऑडिट करवाया जाएगा. इसी मामले में केजरीवाल मंगलवार को सीएजी से मिले भी थे. अब चूंकि मामला दिल्ली हाईकोर्ट में है और सरकार ने कंपनियों पर किसी तरह का दवाब बनाया तो कंपनियां कोर्ट भी जा सकती हैं. तब कोर्ट की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण हो जाएगी.
2012 में एक एनजीओ ने दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों का ऑडिट किए जाने की मांग की थी. तभी से ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है.
कंपनियों ने सरकार को जो जवाब दिया है, उसमें कहा गया है कि इस केस में कई सुनवाई हो चुकी हैं और अदालत के आदेश आने ही वाले हैं. तब तक इंतजार किया जाना चाहिए. यदि अदालत ऑडिट के लिए कहेगी, तो कंपनियां ऑडिट कराने को तैयार होंगी.
इसके अलावा, बिजली कंपनियों ने विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं. कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल पर भी विचार किया जा रहा है.
अब क्या हो सकता है
हालांकि अदालत में मामला जरूर है, लेकिन सरकार बिजली कंपनियों की ऑडिट के लिए स्वतंत्र है. सरकार ऑडिट का फैसला ले सकती है. हां, चूंकि मामला अदालत में है तो नैतिक तौर पर सरकार इस पर कोई फैसला न ले, तो वह उसकी मर्जी होगी.