दिल्ली पुलिस ने सोमवार देर रात से चल रहे हंगामे के बाद मंगलवार दोपहर बाद पूर्व 'आप' नेता योगेंद्र यादव को रिहा कर दिया है. योगेंद्र के साथ ही उनके तीन सहयोगियों को भी रिहा कर दिया गया है. पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी को एहतियातन बताया है.
मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल और किसानों के दूसरे अन्य मुद्दों को लेकर विरोध कर रहे योगेंद्र यादव को जंतर-मंतर से गिरफ्तार किया गया था. रिहाई के बाद पूर्व आम आदमी पार्टी के नेता ने पुलिस पर हिरासत में पीटने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें थाने में थप्पड़ मारा. जबकि दिल्ली पुलिस ने दलील दी है कि स्वतंत्रता दिवस के कारण दिल्ली में धारा 144 लागू है और ऐसे में एहतियातन गिरफ्तारी करनी पड़ी. योगेंद्र ने पुलिस पर धमकी देने का भी आरोप लगाया है.
'हमारे खिलाफ सारे आरोप खारिज'
योगेंद्र यादव ने रिहाई के बाद सरकार पर भी निशाना साधा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार किसानों के सम्मान का प्रतीक हल कंधे पर रखने से डरती है. योगेंद्र ने कहा, 'कल विशाल रैली के बाद रेस कोर्स में स्मारक बनाने के लिए हमें रोका गया. हल को तोड़ते हुए छीन लिया गया. लोगों को गिरफ्तार किया गया और इस तरह सत्याग्रह को खत्म किया गया. कल 01 बजे से 04 बजे तक हमें थाने में रखा गया. स्पेशल मजिस्ट्रेट ने हमारे खिलाफ सारे आरोपों को खारिज कर हमें मुक्त कर दिया.'
कोर्ट ने क्या कहा दूसरी ओर, योगेंद्र यादव के समर्थन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि अपनी आवाज उठाना मौलिक अधिकार है. योगेंद्र सहित 90 लोगों को हिरासत में लिए जाने को लेकर प्रशांति भूषण मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे. उन्होंने पुलिस के खिलाफ अपील की. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया गया. जबकि कोर्ट ने पूछा कि लोगों को 5 बजे सुबह हिरासत में लिया गया तो शाम 04 बजे से पहले क्यों नहीं रिहा किया गया, इतना समय क्यों लगा?