दिल्ली पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बच्चा तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है. साथ ही इस गिरोह से जुड़े 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इसके अलावा 6 मासूमों को सुरक्षित बचाया भी है. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने दावा किया है कि पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.
रेस्क्यू मासूमों की आयु है एक साल से कम
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह गैंग दिल्ली और आसपास के राज्यों में सक्रिय था और नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त करता था. गिरोह के निशाने पर ज़्यादातर ग़रीब परिवार और अस्पतालों में नवजात बच्चों के माता-पिता होते थे.
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जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क काफी बड़ा है और पुलिस अब इस मामले में और गहनता से जांच कर रही है, ताकि पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके. आपको बता दें कि इससे पहले कर्नाटक के उडुपी जिले से पुलिस ने एक नवजात बच्ची की अवैध बिक्री में कथित संलिप्तता के आरोप में एक डॉक्टर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.
ऐसे हुआ था मामले का खुलासा
बीते बुधवार को यह मामला तब सामने आया, जब काऊप तालुक के कल्लुगुड्डे निवासी प्रभावती और रमेश मूल्या नामक एक दंपत्ति ने पोषण ट्रैकर योजना के तहत एक आंगनवाड़ी में चार दिन के शिशु का पंजीकरण कराने का प्रयास किया. पुलिस ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को अनियमितताओं का संदेह होने पर दंपत्ति से पूछताछ की, जिन्होंने स्वीकार किया कि बच्चा उनका नहीं था.
पुलिस के अनुसार 3 अगस्त को मंगलुरु के एक अस्पताल में एक अविवाहित महिला द्वारा जन्मे बच्चे को 4.5 लाख रुपये में खरीदा गया था. यह सौदा प्रभावती की चचेरी बहन प्रियंका के माध्यम से हुआ, जिसे महिला के प्रसव के बारे में जानकारी थी.