राजधानी दिल्ली का कोरोना के चलते दम निकलने लगा है. कोरोना के कहर के सामने सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था बेबस और लाचार नजर आ रही है. आईसीयू बेड और ऑक्सीजन की किल्लत के बीच सूबे से कई कोरोना मरीज इलाज के लिए पड़ोसी राज्य पंजाब का रुख कर रहे हैं. यहां दिल्ली की तुलना में कोरोना के मामले कम हैं. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण दर बढ़ना और अस्पतालों का तेजी से भरना चिंता का विषय है.
मोहाली सिविल अस्पताल में दिल्ली से आए हर्ष और भावना ने अपना कोरोना टेस्ट कराया. ये अपने पिता को दिल्ली में आईसीयू बेड और ऑक्सीजन ना मिलने के चलते मोहाली लेकर आए. हर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय में बीएससी का छात्र है. उसने इंडिया टुडे को अस्पताल से जुड़े अपने भयानक अनुभव के बारे में बताया. हर्ष ने अपने पिता को दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल,बीएल कपूर और एम्स में भी भर्ती कराने की कोशिश की थी लेकिन उनके हाथ निराशा लगी.
हर्ष ने बताया कि उसके रिश्तेदारों ने उसके पिता को पंजाब ले जाने की सलाह दी. हर्ष कहते हैं कि हमने उन्हें एंबुलेंस के जरिए दिल्ली से मोहाली लाएं. यहां वो एक छोटे से नर्सिंग होम में भर्ती हैं. गनीमत यह है कि उन्हें ऑक्सीजन के साथ आईसीयू बेड मिला हुआ है. वह पहले से काफी ठीक हैं.
हर्ष की बहन भावना का कहना है कि दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. मेरे पिता को कोरोना के लक्षण थे. हमने जब उनकी कोरोना जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई, दोबारा जांच कराने पर मेरे पिता और भाई दोनों पॉजिटिव आए. लेकिन दिल्ली में हमें उनके लिए बेड नहीं मिल रहा था.
जम्मू कश्मीर के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि मेरे रिश्तेदार दिल्ली में कोरोना संक्रमित हुए थे. दिल्ली के हालात के मद्देनजर हमने वक्त ज़ाया नहीं किया. हमने एंबुलेंस के जरिए उन्हें चंडीगढ़ में भर्ती कराया. पंजाब के एक अधिकारी का कहना है कि यहां हालात ठीक हैं. कई अस्पताल सभी सुविधाओं से लैस हैं, लेकिन संक्रमण दर बढ़ना चिंता का विषय है.
मोहाली में सिविल सर्जन आदर्शपाल कौर का कहना है कि, हमारे पास आईसीयू बेड और ऑक्सीजन के संबंध में बहुत सारी कॉल आ रही हैं. सभी को हैंडल कर पाना संभव नहीं है. हम दिल्ली के मरीजों को भर्ती कर रहे हैं, लेकिन मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. स्थिति नियंत्रण में तो है लेकिन कब तक ऐसा रहेगा कह पाना मुश्किल है. लोग अगर कोरोना के नियमों का पालन नहीं करेंगे तो मामले ऐसे ही बढ़ते रहेंगे.
पटियाला से कुछ किलोमीटर दूर आलोक शर्मा और उनकी पत्नी प्राइवेट अस्पताल के बाहर यह कहते हुए मिले कि ऑक्सीजन की कमी के चलते उनकी मां की मौत हो गई. आलोक ने इंडिया टुडे को बताया कि प्राइवेट अस्पताल इलाज के एवज में मनमानी रकम वसूल रहे हैं. यहां दिल्ली और पंजाब के मरीज हैं. कई बार ये लोग दिल्ली के मरीजों को भर्ती करने के लिए स्थानीय मरीजों को भर्ती करने से मना कर देते हैं. इन सबके बीच पंजाब में कोरोना के चलते अबतक 8530 लोगों की मौत हो गई है. बीते 24 घंटों में 98 मरीजों की मौत हुई है.