दिल्ली वालों को इस बार बाढ़ जैसी समस्यायों से जूझना पड़ सकता है. इसका कारण यमुना का पानी नहीं है बल्कि नालों की सफाई का न होना है.
दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ धरने पर बैठे हैं. उनकी शिकायत है कि आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं और मीटिंग में हिस्सा नहीं ले रहे हैं तो वहीं एमसीडी भी इस बार दिल्ली में भयावह स्थिति की चेतावनी दे रही है.
इसके लिए एमसीडी ने दिल्ली सरकार को दोषी माना है और इसके लिए लोगों से बता रही है कि इसके लिए पूरी तरह से केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है ना कि एमसीडी.
दिल्ली में छोटे नालों का जिम्मा एमसीडी के पास है और बड़े नालों का दिल्ली सरकार का. पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर ब्रिज बिहारी सिंह का कहना है कि छोटे नालो का पानी बड़े नालों में गिरता है, लेकिन इस बार सफाई नहीं हुई है जिसका खामियाजा दिल्ली वालों को भुगतना पड़ेगा.
नालों को साफ करने की डेडलाइन 10 जून तक है, लेकिन अब 30 जून तक इसकी डेडलाइन बढ़ा दी गई है.
सूत्रों के मुताबिक सबसे ज्यादा खराब स्थिति दिल्ली सरकार के पूर्वी जोन का है जिसमें 312 नाले हैं, लेकिन नालों की सफाई का काम करीब 22 फीसदी से भी कम है तो वहीं पूर्वी दिल्ली के नगर निगम के करीब 223 नाले हैं, लेकिन 36 फीसदी नालों की ही सफाई हो सकी है.
दिल्ली सरकार के उत्तरी जोन में करीब 559 नाले हैं, जहां कई इलाकों में अभी नालों की सफाई का काम शुरू ही नहीं हुआ है, यानी करीब 32 फीसदी के करीब ही सफाई का काम हो पाया है, जबकि उत्तरी नगर निगम ने 70 फीसदी काम करने का दावा किया है और बाकी काम 30 जून तक करने का बात कही है.