राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कचरा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उपराज्यपाल (LG) अनिल बैजल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ से मुलाकात की. गुरुवार को उनको राजनाथ के आवास से बाहर आते हुए देखा गया है. उनकी इस मुलाकात के बारे में अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
Delhi: Lieutenant Governor Anil Baijal leaves from the residence of Home Minister Rajnath Singh. pic.twitter.com/ZeRnWQ93im
— ANI (@ANI) July 12, 2018
इससे पहले दिल्ली में कचरा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से स्टेटस रिपोर्ट मांगी. गुरुवार को एलजी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा गया कि कचरा प्रबंधन के लिए निगम जिम्मेदार है. हम इस पर लगातार बैठक कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 239AA का हवाला दिया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं दिखा.
शीर्ष अदालत की ओर से कहा गया कि आप 25 बैठक करते हैं या 50 कप चाय पीते हैं, इससे हमें मतलब नहीं है. सुनवाई के दौरान LG की ओर से हलफनामे में कहा गया कि पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर, दक्षिणी दिल्ली में ओखला और उत्तरी दिल्ली में भलस्वा लैंडफिल साइट्स हैं. उपराज्यपाल अपने स्तर पर लगातार बैठकें कर रहे हैं.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि हमें एक्शन की टाइमलाइन बताएं, 25 बैठक हुई हैं या 50 कप चाय पी है इससे हमें मतलब नहीं. आप एलजी हैं, आपने बैठक की है इसलिए हमें टाइमलाइन और स्टेटस रिपोर्ट दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए, आपको सिंपल अंग्रेजी में ये बताना है कि कूड़े के पहाड़ कब हटेंगे.
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि बैठक में तय हुआ था कि रोजाना दो बार सफाई होगी, जो भी अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं उनके नाम वेबसाइट पर होना चाहिए. इसके लिए सजा का प्रावधान भी होना चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि सफाई से संबंधित बैठक में ना तो उपराज्यपाल खुद आए और ना ही अपना कोई नुमाइंदा भेजा. इस पर कोर्ट ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि और ये कहते हैं कि I AM THE SUPERMAN.
इस पर कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में एलजी ने अधिकार और जिम्मेदारी की बात की है, कचरा और सफाई के मामले में उनकी जिम्मेदारी है या नहीं? कोर्ट के इस कड़े रुख पर सरकार की ओर से ASG पिंकी आनंद ने कहा कि हां, एलजी को डायरेक्शन जारी करने का अधिकार है. जिसपर कोर्ट ने जवाब मांगा है कि ये बताएं कि अभी तक उन्होंने कितने अधिकार जारी की है.
दिल्ली में कूड़े की बाढ़!
आपको बता दें कि अभी दो दिन पहले ही जस्टिस मदन भीमराव लोकुर की अगुवाई वाली पीठ ने नाराज़गी भरे लहजे में कहा था कि हर जगह बदइंतजामी है. मुंबई में पानी की बाढ़ है, तो दिल्ली में कूड़े की. तभी यहां दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही की वजह से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया वगैरह फैलते हैं. दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि आखिर राजधानी में कूड़ा प्रबंधन की जिम्मेदारी किसकी है, मुख्यमंत्री की या LG की या फिर केंद्र सरकार की?