दिल्ली सरकार ने कड़ाके की ठंड से बेघरों को बचाने के लिए रैन बसेरों (नाइट शेल्टर्स) की व्यवस्था की थी. लेकिन जब बीते 23 दिसंबर को उपराज्यपाल वीके सक्सेना राजधानी के कुछ रैन बसेरों का हाल जानने पहुंचे तो वह हैरान रह गए. इन रैन बसेरों की हालत देखकर एलजी सक्सेना ने एक बड़ा फैसला लिया. उन्होंने नाइट शेल्टर्स के रखरखाव को देखने वाली एजेंसी दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड के सीईओ के. महेश को पद से हटा दिया.
दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआईबी) के विशेष निदेशक के पद से के. महेश को हटाते हुए एलजी सक्सेना ने नौकरशाही को कड़े शब्दों में एक संदेश भी दिया. उन्होंने नौकरशाही से ईमानदारी के साथ काम करने को कहा.
आईएसबीटी और हनुमान मंदिर के रैन बसेरों का दौरा किया था
एलजी सक्सेना ने बीते 23 दिसंबर को आईएसबीटी और हनुमान मंदिर के रैन बसेरों का दौरा किया था. उनका यह दौरा औचक ही थी, जिस दौरान उन्हें रैन बसेरों में कई तरह की गड़बड़ियां मिली. इन रैन बसेरों की कुल क्षमता लगभग 600 थी. इस वजह से हजारों बेघरों को कड़ाके की ठंड के बीच फुटपाथ पर सोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था. लेकिन प्रशासन ने इस मामले में पूरी लापरवाही बरती.
इस दौरान एलजी को यह जानकर भी झटका लगा कि इन रैन बसेरों में शौचालयों की कोई व्यवस्था नहीं है, जिस वजह से बेघरों को खुले में शौच करने को मजबूर होना पड़ता है. रैन बसेरों में किसी तरह की सुविधा नहीं है, बेघर लोगों को खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर होना पड़ रहा है.
बता दें कि एलजी सक्सेना ने (डीयूएसआईबी) के विशेष निदेशक के पद से के. महेश को हटाने के बाद उनकी जगह सामाजिक कल्याण विभाग की सचिव गरिमा गुप्ता को डीयूएआईबी का पद्भार सौंपा है. इसके साथ ही के. महेश के खिलाफ कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है.