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दिल्ली हुनर हाट: 23 दिसंबर से 5 जनवरी तक होगा कला, कल्चर और क्यूजिन का संगम

delhi Hunar Haat: उत्तर प्रदेश की बनारसी सिल्क की बेहद खूबसूरत साड़ियां हुनर हाट में मौजूद हैं. लोगों का ध्यान 1, 25000 रुपए कीमत वाली साड़ी खींच रही है. खासियत यह है कि चांदी की बारीक कारीगरी साड़ी के ऊपर की गई है. इसका का वजन बेहद हल्का है और साड़ी बेहद खूबसूरत है. दूर-दूर से लोग इस साड़ी को देखने के लिए आ रहे हैं.

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दिल्ली में हुनर हाट का आयोजन.
दिल्ली में हुनर हाट का आयोजन.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 23 दिसंबर से 5 जनवरी तक हाट का आयोजन
  • जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजन

delhi Hunar Haat: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम परिसर में अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से हुनर हाट का आयोजन किया गया है. इसमें देशभर से आए दस्तकारों, शिल्पकारों और कारीगरों ने स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है. हाट की थीम इस बार 'वोकल फॉर लोकल' पर आधारित है. इस हाट की शुरुआत 23 दिसंबर से हुई है और 5 जनवरी तक यह चलेगा.

इस बार हुनर हाट में अलग-अलग राज्यों की खासियत से जुड़े सामानों को लाया गया है. उत्तर प्रदेश के आगरा से आए मार्बल के समान यहां उपलब्ध हैं, वहीं, आंध्र प्रदेश की लकड़ी के वॉल हैंगिंग हाट में  मिल रहे हैं. साथ ही पंजाब की जूतियां, वेस्ट बंगाल की साड़ियां, बनारस का सिल्क लोगों का मन मोह रहा है. इसके अलावा, तमाम स्वदेशी उत्पाद हुनर हाट में मौजूद हैं. यहां 700 से ज्यादा कारीगर शिल्पकार और दस्तकार भाग ले रहे हैं.

उत्तर प्रदेश की बनारसी सिल्क की बेहद खूबसूरत साड़ियां हुनर हाट में मौजूद हैं. लोगों का ध्यान 1, 25000 रुपए कीमत वाली साड़ी खींच रही है. खासियत यह है कि चांदी की बारीक कारीगरी साड़ी के ऊपर की गई है. इसका का वजन बेहद हल्का है और साड़ी बेहद खूबसूरत है. दूर-दूर से लोग इस साड़ी को देखने के लिए आ रहे हैं.

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बिहार के समस्तीपुर का शहद भी लोगों को खूब लुभा रहा है. साथ ही फरीदाबाद का नमकीन हो या केरल का हलवा, सभी देश के रंग यहां बिखेर रहे हैं. हाट में देश के सभी राज्यों का संगम मिलता है. 

कश्मीर से कन्याकुमारी तक के कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों का हुनर यहां प्रदर्शित किया जा रहा है. ज्वेलरी, कपड़े, सजावट का सामान, खाने के पकवान सभी के स्टॉल से यहां पर मौजूद हैं. हुनर हाट में 'विश्वकर्मा वाटिका', 'मेरा गांव-मेरा देश' और 'बावर्चीखाना' के अलग से भाग बनाए गए हैं, जहां पर कला, कल्चर और क्यूजिन का संगम देखने को मिल रहा है.

 

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