दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को 'आप' सरकार से वृद्धों और विकलांगों की पेंशन योजनाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया और पूछा कि लाभार्थियों की संख्या की सीमा क्यों हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम की 60 साल से ऊपर उम्र में मिलने वाली पेंशन स्कीम को खत्म कर दिया. अब दिल्ली सरकार ही इन करीब डेढ़ लाख लोगों को पेंशन देगी, जिन्हें तीन साल से पेंशन नहीं मिल पा रही थी.
अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब दिल्ली सरकार ने कहा कि वह आर्थिक रूप से कमजोर करीब 4.35 लाख वृद्धों और करीब 56000 विकलांगों के लिए दो वित्तीय सहायता योजनाएं चला रही है. सरकार ने यह भी कहा कि वह अपनी वृद्धावस्था पेंशन योजना में और लोगों का समावेश कर सकती है, बशर्ते कि फिलहाल लाभ उठा रहे 4.35 लाख लोगों की सीमा में रिक्तियां हों.
निगम चार हफ्तों में सरकार को सौंपे लिस्ट
जस्टिस बीडी अहमद और जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या की सीमा को लेकर कोई कारण नहीं बताया गया, ऐसे में सरकार ऊपरी सीमा का खासकर इस सहायता की जरूरत महसूस करने वालों की वास्तविक संख्या के आलोक में परीक्षण करे.
अदालत ने सरकार से इस बात पर जवाब मांगा था कि क्या वृद्धों की सहायता के लिए उसकी कोई वित्तीय सहायता योजना है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी नगर निगम अपनी योजनाओं के लाभार्थियों को भुगतान करने में असमर्थ हैं. कोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिया है कि वह चार हफ्ते में सभी पेंशन लेने वालों का डेटा और लिस्ट सरकार को सौंप दे.