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हेराल्ड हाउस खाली करने के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलील सुनने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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हेराल्ड हाउस (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हेराल्ड हाउस (प्रतीकात्मक तस्वीर)

हेराल्ड हाउस खाली करने के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ एसोसिएट जनरल लिमिटेड (AJL) की अपील पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलील सुनने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों वरिष्ठ अधिवक्ताओं से भी अपना-अपना लिखित जवाब तीन दिनों के भीतर कोर्ट में दाखिल करने का समय दिया है.

एजेएल ने हेराल्ड हाउस खाली करने के पिछले साल 21 दिसंबर के सिंगल बेंच के फैसले को डबल बेंच के सामने चुनौती दी थी. कई दिन की सुनवाई के बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद  कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट को अपने आदेश में अभी यह तय करना होगा कि सिंगल बेंच के फैसले को लागू रखते हुए वह हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश सुनाएं या फिर सिंगल बेंच के फैसले पर स्टे लगाते हुए  हेराल्ड हाउस को खाली कराने से मना कर दे. एजेएल ने कोर्ट में अपने बचाव में कहा है कि हेराल्ड हाउस को खाली कराने का फैसला पूरी तरह से राजनीतिक है और केंद्र सरकार ने मनमानी से लीज को रद्द करने का फैसला लिया है.

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केंद्र सरकार ने कहा है कि हेराल्ड हाउस को अखबार लाने के लिए दिया गया था जबकि हेराल्ड हाउस में 2008 में ही अखबार का प्रकाशन बंद कर दिया गया और वहां के स्टाफ को वॉलंटरी रिटायरमेंट देकर निकाल दिया गया. ऐसे में जब वहां प्रकाशन का कोई काम ही नहीं हो रहा है तो सरकार के पास उस जगह के दुरुपयोग को रोकने के लिए लीज को रद्द करना अनिवार्य था. इस बिल्डिंग में पासपोर्ट ऑफिस भी चल रहा है जिसका किराया एजेएल हो जाता है.

कोर्ट ने एजेएल की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उसने परिसर खाली करने के केंद्र सरकार के 30 अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी थी. उसने कहा था कि दो हफ्ते के भीतर एजेएल परिसर खाली नहीं करता है तो सरकार के केंद्र और भूमि एवं विकास कार्यालय (एलएनडीओ) एजेएल के खिलाफ सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों को बेदखल करना) कानून, 1971 के तहत कार्रवाई कर सकता है. नेशनल हेराल्ड कांग्रेस पार्टी का अखबार है. एलएनडीओ ने 30 अक्टूबर को एजेएल से कहा था कि उसका 56 साल पुराना पट्टा निरस्त किया जाता है लिहाज़ा वो 15 नवंबर तक हेराल्ड हाउस खाली कर दे.

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