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गंभीर-श्रीनिवास मामले में हाईकोर्ट सख्त, कहा- स्टॉक की गई दवाइयों को जमा करवाएं नेता

दवाइयों और अन्य सामानों के स्टॉक करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. सोमवार को इस मसले पर हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा है कि जो भी सामान स्टोर किया गया है, वो अस्पतालों को दिया जाना चाहिए ताकि आम लोगों को सीधे मदद मिल सके.

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श्रीनिवास बी.वी और गौतम गंभीर समेत कई नेताओं से पुलिस ने की थी पूछताछ
श्रीनिवास बी.वी और गौतम गंभीर समेत कई नेताओं से पुलिस ने की थी पूछताछ
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दवाइयों के स्टोरेज पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
  • गौतम गंभीर, श्रीनिवास समेत कई नेताओं पर पुलिस ने दी रिपोर्ट

कोरोना संकट काल में आम लोगों की मदद करने में जुटे कई राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को भले ही दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच में क्लीन चिट मिल गई हो, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इसपर कड़ा रुख अख्तियार किया है. सोमवार को इस मसले पर हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा है कि जो भी सामान स्टोर किया गया है, वो अस्पतालों को दिया जाना चाहिए ताकि आम लोगों को सीधे मदद मिल सके.

सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर कड़ा रुख अपनाया. अदालत ने पुलिस से कहा कि आप खुद कैसे किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं, क्या किसी नेता ने दवाओं की खरीद के बिल दिखाए हैं? जिसपर पुलिस ने जवाब दिया है कि कुछ ने बिल दिखाए हैं, सभी दवाओं के नहीं दिखाए गए हैं. अदालत ने अब दिल्ली पुलिस को पूरी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.  

'जब बाजार में दवाई नहीं, तो नेताओं को कैसे मिली'
अदालत ने ये भी कहा है कि पुलिस इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे कि जो दवाई बाजार में नहीं है, वो नेताओं को कैसे और कहां से मिल रही है. कोर्ट ने कहा कि हम नेताओं को महामारी का सेलिब्रेशन करने की इजाज़त नहीं दे सकते हैं, नेताओं ने इस कोरोना महामारी को अपनी गुडविल बनाने का जरिया बना लिया है.

अब दिल्ली हाईकोर्ट ने नेताओं को निर्देश दिया है कि जो भी दवाइयों का स्टॉक उनके पास है वो उसे डायरेक्टर जनरल हेल्थ के पास जमा कराए जिससे जरूरतमंद लोगों को ये मिल सके. कोर्ट ने कहा कि नेता ये सब चैरिटी के लिए ही कर रहे हैं इसलिए इसको सरकार के पास जमा कराया जाना चाहिए. दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले में नेताओं के ख़िलाफ़ कोई FIR दर्ज नहीं की गई है, इसलिए दवाइयां जब्त नहीं की गई हैं. 

अदालत में याचिकाकर्ता का कहना था कि नेताओं ने दवाओं की होर्डिंग नेताओं के द्वारा करने के कारण ये आम लोगों के लिए बाजार में मौजूद ही नहीं है, जिससे दवाओं की काला बाजारी हो रही है.

अब अगले हफ्ते होगी मामले की सुनवाई
आपको बता दें कि बीजेपी के गौतम गंभीर, हरीश खुराना और कांग्रेस के श्रीनिवास बीवी समेत कई नेता लगातार कोरोना काल में लोगों की मदद करने में जुटे हैं, बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने इन सभी से सवाल किए थे, हालांकि अपनी शुरुआती रिपोर्ट में क्लीन चिट भी दे दी थी. 

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वो एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट दाखिल करे, सिर्फ इसलिए जांच ना रोकें कि इसमें बड़े नेता भी शामिल हैं. अस्पतालों में कई मरीजों ने सिर्फ इसलिए दम तोड़ा है, क्योंकि दवाई नहीं मिली और दवाई नेताओं ने बड़ी मात्रा में अपने पास रखी हुई थी. अब इस मामले में ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया को भी नोटिस जारी किया गया है और पार्टी बनाया गया है. 24 मई को फिर से इस मामले की सुनवाई की जाएगी. 

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