दिल्ली में एंटी करप्शन ब्रांच के मुखिया मुकेश कुमार मीणा की नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल सरकार की याचिका पर आज सुनवाई हो सकती है. दिल्ली सरकार ने मुकेश कुमार मीणा की एसीबी चीफ के पद पर नियुक्ति को गैर कानूनी बताया है. उपराज्यपाल नजीब जंग के इसी फैसले के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है.
आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक एसीबी के मुखिया का अतिरिक्त प्रभार देख रहे ज्वाइंट सीपी मुकेश मीणा का ट्रांसफर पहले ही अरुणाचल प्रदेश के लिए हो चुका है. मीणा का ट्रांसफर सात अप्रैल को हो गया था, जिसके लिए उन्हें दिल्ली में 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था. देखना ये होगा कि 7 जुलाई से पहले उन्हें कुछ और एक्सटेंशन मिलता है या नहीं.
गौरतलब है कि ज्वॉइंट कमिश्नर मुकेश कुमार मीणा को दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो चीफ के पद से हटाने के लिए दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. उधर, एसीबी के दूसरे प्रमुख एसएस यादव और मीणा के बीच टकराव खुलकर सामने आई है.
मुकेश मीणा ने शुक्रवार को बीएस बस्सी से मुलाकात की और आरोप लगाया कि एसएस यादव ने उन पर दबाव बनाने के लिए खुदकुशी की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि यादव ने छत से कूदकर, ट्रक के नीचे आकर आत्महत्या की धमकी दी.
एसएस यादव का आरोप, 'मीणा से मेरी जान को खतरा'
इससे पहले बुधवार शाम करीब तीन घंटे तक एसीबी के दोनों प्रमुखों- मुकेश मीणा और एसएस यादव के बीच एफआईआर बुक को लेकर झगड़ा हुआ. दरअसल, मीणा ने यादव से एफआईआर से जुड़े दस्तावेज मांगे थे. लेकिन गोपनीयता का हवाला देते हुए यादव ने दस्तावेज देने से इंकार कर दिया था. इसके बाद यादव ने ये भी आरोप लगाया कि मीणा से उनकी जान को खतरा है.