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दिल्ली गैंगरेपः दोषियों को आज हाई कोर्ट में पेश करेगी पुलिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि 16 दिसंबर के सामूहिक दुष्कर्म मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को मंगलवार को उसके सामने पेश किया जाए. जज रेवा खेत्रपाल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों से निचली अदालत से मौत की सजा प्राप्त चारों दोषियों को कोर्ट में पेश करने को कहा.

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दिल्‍ली गैंगरेप के दोषी
दिल्‍ली गैंगरेप के दोषी

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि 16 दिसंबर के सामूहिक दुष्कर्म मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को मंगलवार को उसके सामने पेश किया जाए. जज रेवा खेत्रपाल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों से निचली अदालत से मौत की सजा प्राप्त चारों दोषियों को कोर्ट में पेश करने को कहा.

चारों दोषियों को मिली है सजा-ए-मौत
राजधानी के वसंत विहार इलाके में पिछले साल 16 दिसंबर की रात चलती बस में 23 वर्षीय ज्योति के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए गए चार व्यक्तियों को एक अदालत ने मृत्युदंड सुनाया था. अदालत ने इस मामले को 'जघन्यतम' करार दिया था.

अदालत ने चार आरोपियों - मुकेश सिंह (26), पवन गुप्ता (19), विनय शर्मा (20) और अक्षय ठाकुर (28)- को दोषी ठहराया था. इस मामले ने देश को झकझोर कर रख दिया था और यह घटना दुनियाभर में मीडिया की सुर्खियों में छायी हुई थी.

इस मामले पर फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने दिया और कहा कि यह जघन्यतम मामला है और इसने देश की पूरी चेतना को झकझोर कर रख दिया. उन्होंने अपने फैसले में कहा, 'मौत से पूर्व पीड़िता को दी गई अमानवीय प्रताड़ना ने न केवल सभी की चेतना को झकझोर कर रख दिया, बल्कि दोषियों के चारों ओर मौजूद रहने वाले समुदाय के वरदहस्तों को हटाने का भी आह्वान किया.'

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अब इस फैसले की पुष्टि के लिए इसे दिल्ली हाई कोर्ट में भेजा गया है क्योंकि निचली अदालत हर मौत की सजा की पुष्टि के लिए उसे हाई कोर्ट भेजती है.

क्या है पूरा मामला
गैंगरेप की यह घटना पिछले साल 16 दिसंबर की रात उस समय हुई थी, जब ज्योति अपने पुरुष मित्र के साथ एक फिल्म देखने के बाद घर लौट रही थी और वह दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका में एक बस पर सवार हुई थी. बस में पहले से मौजूद छह दरिंदों ने ज्योति के साथ गैंगरेप किया था.

गंभीर रूप से घायल ज्योति ने 29 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया था.

इस जघन्यतम घटना को अंजाम देने वाले छह आरोपियों में से एक राम सिंह दिल्ली की तिहाड़ जेल में खुद फांसी पर लटक गया था. इस वारदात में शामिल एक नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने 31 अगस्त को तीन सालों के लिए सुधार गृह भेज दिया था, क्योंकि बाल कानून के तहत अधिकतम सजा वही थी.

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