दिल्ली गैंगरेप मामले के एक आरोपी को कोर्ट ने जेल में नौकरी की तैयारी करने की इजाजत दे दी है. दरअसल इस आरोपी को पांच अप्रैल को एयरफोर्स के ग्रुप ‘सी’ लोअर डिवीजन क्लर्क का इंटरव्यू देना है.
गैंगरेप पीड़िता के नाम पर ट्रेन का नाम
इस आरोपी का नाम विनय शर्मा है और उसने कोर्ट से इंटरव्यू की तैयारी के लिए ट्यूटर की मांग किया था. आरोपी के वकील ने कोर्ट में याचिका दी थी जिसे स्वीकारते हुए कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश दिया है कि आरोपी को ट्यूटर की सेवाएं मुहैया कराई जाएं जिससे वह जेल में ही इंटरव्यू की तैयारी कर सके.
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कोर्ट ने यह भी कहा कि उसे ट्यूशन के साथ ही किताबें भी मुहैया कराई जाएं. विनय शर्मा के वकील ने कोर्ट से इस मामले की सुनवाई रोजाना करने का आग्रह भी किया था.
साक्ष्य के रूप में TV इंटरव्यू के इस्तेमाल पर रोक
वकील ने कोर्ट से कहा, ‘विनय को वायुसेना से इंटरव्यू लेटर मिला है. अगर उसे ट्यूशन और किताबें मिलीं और उसने परीक्षा पास कर ली तो वह अच्छा जीवन जी सकेगा और अपने परिवार का भरन पोषण भी कर सकेगा. वह अपने परिवार की रोटी जुटाने वाला एकमात्र सदस्य है. अगर वह वायुसेना की नौकरी करेगा तो उसकी अच्छी कमाई होगी.’
इस बीच, इस मामले के दो अन्य आरोपियों ने कोर्ट से एक दिन बीच कर सुनवाई करने का आग्रह किया जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामले की सुनवाई को धीमी करने की अपील है. कोर्ट ने उनके वकीलों को इस तरह की अपील करने पर फटकार भी लगाई.
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इस मामले के आरोपी मुकेश और अक्षय सिंह ने कोर्ट से अब तक रिकार्ड किए गए बयानों का हिंदी अनुवाद दिलाने की अपील की थी जिसे अब उन्होंने वापस ले लिया है.