साकेत कोर्ट में दिल्ली गैंग रेप ट्रायल का दूसरा दिन, मीडिया को इस ट्रायल में शामिल होने की अनुमति मिली, लेकिन यहां पत्रकारों की भीड़ और धक्कम-धक्का नहीं है. साफ-सुथरे बड़े एसी रूम में सबको बैठने की जगह मिली है. यह अतिरिक्त सत्र न्यायधीश योगेश खन्ना की कोर्ट है.
मुकेश की तबीयत खराब
यहां दर्जनों कानूनी पेशेवर लोग हैं, कुछ दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधि है और कुछ आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. जैसे ही जज पहुंचते हैं, कमरे में सब खड़े हो जाते हैं. उनके बैठने के बाद स्पेशल पब्लिक प्रोसीक्यूटर दयन कृष्णन उन्हें बताते हैं कि चार आरोपी में से एक मुकेश की तबीयत खराब है और उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
इसके तुरंत बाद मुकेश के वकील एमएल शर्मा कहते हैं, 'कुछ गड़बड़ है और वह कोर्ट की इजाजत से मुकेश से मिलने अस्पताल जाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें पुलिस और डॉक्टरों पर भरोसा नहीं है.' लेकिन कोर्ट ने शर्मा की दलील खारिज कर दी और कहा, मुकेश सुनावाई में तभी पहुंच सकते हैं जब डॉक्टर उसे फिट बताएंगे. इसके बाद कोर्ट एक घंटे के लिए मुल्तवी की गई और सब बाहर चले गए.
कोर्ट के बाहर यह अफवाह जोर पकड़ रही थी कि मुकेश अपने भाई राम सिंह के रास्ते चला है और कानून से बचने के लिए जहर खा लिया है. वकीलों के चेहरे पर भी तनाव था. करीब 3 बजकर 10 मिनट में मुकेश तीन अन्य आरोपियों अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता के साथ कोर्ट रूम पहुंचता है. जज ने मुकेश की तबीयत के बारे में पूछा और सुनवाई शुरू की. मुकेश में कोर्ट के आखिर में बैठने के लिए एक चेयर दी गई और दो सुरक्षाकर्मियों को उसके पास खड़ा किया गया. मुकेश की मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में दी गई जिसमें था कि मुकेश को सीने में दर्द था. जैसे ही सुनवाई शुरू हुई वकील और बचाव पक्ष के वकील ने अपनी-अपनी दलीले दीं. तीनों आरोपियों की नजर जज के ऊपर थी.
वकीलों की तकरार
इसके साथ ही वकीलों के बीच भी तकरार शुरू हुई, एमएल शर्मा और एपी सिंह ने अपनी-अपनी बात रखनी शुरू की. मुकेश की तबीयत ढीली ही दिख रही थी. शर्मा मुकेश और अक्षय ठाकुर के वकील थे. उन्होंने कहा कि ट्रायल अंग्रेजी में चल रहा है और उनके दोनों मुवक्किल अपने ऊपर लगे आरोपों को समझ नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कोर्ट से दोनों के लिए मेडिकल जांच की भी मांग की.
विनय के वकील एपी सिंह भी कुछ कम नहीं थे. दयन कृष्णन और राजीव मोहन कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए चश्मदीदों की रिकॉर्डिंग पेश करने के लिएजज की अनुमति मांगी और प्रतिपक्ष पर कोर्ट का वक्त बर्बाद करने, देरी करने का आरोप लगाया. दोनों पक्षों की बहस को रोकने के लिए जज ने प्रतिपक्ष को शांत करने के आदेश दिए. मंगलवार को एमएल शर्मा की उनके मुवक्किल को वक्त मिलने और सारे दस्तावेज को हिंदी में तैयार की दलील के बारे में विचार किया जाएगा.