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एयरपोर्ट सहित कई राज्यों की पाइपलाइन से ईंधन चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने ईंधन चोरी गिरोह के दो कुख्यात सदस्यों सरदार सिंह और रिंकू को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने दिल्ली एयरपोर्ट समेत कई राज्यों में पाइपलाइन से ईंधन चोरी की वारदातों को लंबे समय से अंजाम दिया था. राजस्थान में दर्ज केस में ये दोनों फरार चल रहे थे और इनके ऊपर 25,000 का इनाम था. पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और सप्लाई नेटवर्क की जांच कर रही है.

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तेल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़  (Photo: Representational )
तेल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ (Photo: Representational )

देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने ईंधन चोरी करने वाले एक शातिर गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह के लोग पिछले कई सालों से देश के अलग-अलग राज्यों में पाइपलाइन से ईंधन चोरी की वारदातों को अंजाम देते आ रहे थे. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सरदार सिंह और उसके साले रिंकू के रूप में हुई है.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह गिरोह दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़ी पाइपलाइन से भी ईंधन चोरी में शामिल रहा है. इन दोनों के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, असम, पंजाब और राजस्थान समेत कई राज्यों में मामलों का रिकॉर्ड मौजूद है.

ईंधन चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि राजस्थान पुलिस ने इसी साल ईंधन चोरी के मामले में दोनों के विरुद्ध FIR दर्ज की थी. इस केस में दोनों फरार चल रहे थे और उन पर 25,000 का इनाम भी घोषित किया गया था.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य आरोपी सरदार सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड करीब 32 साल पुराना है. उसके खिलाफ कुल 19 मामले दर्ज हैं, जिनमें सबसे पहला केस 1992 में दर्ज किया गया था. वह मामला भी दिल्ली एयरपोर्ट पर ईंधन चोरी से जुड़ा था.

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तेल बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे दोनों आरोपी

पुलिस के अनुसार आरोपी पाइपलाइन में रात के अंधेरे में सेंध लगाते थे. अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से पाइपलाइन में अस्थायी कनेक्शन जोड़कर चोरी का ईंधन टैंकरों में भरते और इसे ब्लैक मार्केट में बेच देते थे. इस धंधे से मोटी कमाई होती थी, लेकिन लंबे समय तक पकड़े नहीं गए.

इलाके में बढ़ती चोरी की घटनाओं के बाद क्राइम ब्रांच ने नेटवर्क को ट्रैक करना शुरू किया. तकनीकी निगरानी और खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस को पता चला कि दोनों आरोपी राष्ट्रीय राजधानी में छिपे हुए हैं. इसके बाद एक विशेष टीम ने उन्हें दबोच लिया.

पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं इस गिरोह में अन्य लोग या तेल कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल तो नहीं, जो जानकारी और सुरक्षा की खामियों का लाभ उठाकर चोरी को अंजाम देते हों.
 

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