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दिल्ली में प्रचंड ठंड.... 2020 के बाद सबसे सर्द दिन, कोहरे और प्रदूषण ने बढ़ाई परेशानी

दिल्ली में बुधवार को कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने जनजीवन प्रभावित किया. अधिकतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 2020 के बाद सबसे कम है. ठंडा दिन की स्थिति बनी रही. हल्की बारिश की संभावना जताई गई है. वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है.

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दिल्ली में कड़ाके की ठंड (File Photo: ITG)
दिल्ली में कड़ाके की ठंड (File Photo: ITG)

राजधानी दिल्ली में बुधवार को कड़ाके की ठंड ने लोगों को ठिठुरा दिया. पूरे दिन ठंडा दिन की स्थिति बनी रही और घने कोहरे ने दृश्यता को काफी कम कर दिया. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अधिकतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6.2 डिग्री कम रहा. यह वर्ष 2020 के बाद अब तक का सबसे कम दिन का तापमान है.

अलग अलग मौसम केंद्रों पर तापमान और भी कम रहा. पालम में अधिकतम तापमान 13.6 डिग्री, लोधी रोड पर 13.4 डिग्री, रिज क्षेत्र में 13.8 डिग्री और अयानगर में 13.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.4 डिग्री कम है.

बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने बताया कि एक जनवरी को आसमान में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश की संभावना है. ठंडा दिन की स्थिति आगे भी बनी रह सकती है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे चला जाए और अधिकतम तापमान सामान्य से करीब 4.5 डिग्री कम रहे, तो ठंडा दिन घोषित किया जाता है.

स्काईमेट के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के ऊपर बने चक्रवाती परिसंचरण के कारण दिल्ली और एनसीआर में नए साल की रात या एक जनवरी को बहुत हल्की और छिटपुट बारिश हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो यह इस मौसम की पहली बारिश होगी.

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वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 दर्ज किया गया

घने कोहरे के कारण बुधवार सुबह कई इलाकों में दृश्यता बेहद कम रही. सफदरजंग में सुबह 6.30 से 7.30 बजे के बीच दृश्यता 50 मीटर तक गिर गई. पालम में भी तड़के सुबह 50 मीटर तक दृश्यता दर्ज की गई. मौसम विभाग का कहना है कि अगले पांच दिनों तक घना से बहुत घना कोहरा बना रह सकता है.

इस बीच, दिल्ली की हवा भी लगातार खराब बनी हुई है. 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. कई इलाकों में यह स्तर गंभीर श्रेणी तक पहुंच गया. अधिकारियों के अनुसार, कम हवा की गति और कमजोर वेंटिलेशन के कारण प्रदूषक तत्व फैल नहीं पा रहे हैं.
 

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