दिल्ली की तीनों एमसीडी के मेयर 13 दिन से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं. तीनों महापौर पिछले तीन दिन से भूख हड़ताल पर थे. महापौर की भूख हड़ताल अब खत्म हो गई है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने महापौर को जूस पिलाकर भूख हड़ताल खत्म कराया. हालांकि, सीएम हाउस के बाहर महापौर का धरना अभी जारी है.
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने बताया कि अभी सिर्फ भूख हड़ताल खत्म हुई है. धरना अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने साफ कहा कि धरना अभी जारी रहेगा और इस लड़ाई को हम और आगे तक ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई निगम के 200000 कर्मचारियों, 50000 सेवानिवृत्त कर्मचारियों, 70000 सफाई कर्मचारियों, डॉक्टरों और शिक्षकों की है.
जय प्रकाश ने कहा कि हम 3 दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर थे. लगातार 13 दिन से इस कड़ाके की सर्दी में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं, मगर अरविंद केजरीवाल ने एक बार भी इंसानियत के नाते महापौरों से मिलने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि इससे यह पता चलता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री नागरिकों के प्रति कितने असंवेदनशील हैं. उत्तरी दिल्ली के महापौर ने कहा कि निगमों का बकाया फंड हमारा संवैधानिक अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे. चाहे इसके लिए हमें कितनी भी लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े.
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इससे पहले, धरने के 13वें दिन साउथ दिल्ली नगर निगम की महापौर अनामिका मिथिलेश को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया. दिल्ली के तीनों नगर निगम के महापौर 1300 करोड़ का फंड जारी करने की मांग के साथ मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे थे. साउथ दिल्ली नगर निगम की महापौर अनामिका मिथिलेश ने आजतक से बात करते हुए तीनों महापौर के साथ सलूक पर हैरानी जताई थी. अनामिका ने कहा था कि सीएम हाउस के बाहर खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे हैं, लेकिन प्रशासन का कोई आदमी पानी तक पूछने नहीं आया.
साउथ दिल्ली की महापौर ने कहा था कि कई पार्षदों की अब तबीयत भी बिगड़ने लगी है, लेकिन दिल्ली सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा. तीनों महापौर की ओर से फंड की मांग को लेकर धरने को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. स्वास्थ्य मंत्री जैन ने कहा था कि एमसीडी के नेता जितने फंड की मांग कर रहे हैं, उससे अधिक फंड मुहैया कराया चुका है.
सत्येंद्र जैन ने साथ ही यह भी कहा था कि एमसीडी को दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए जा चुके फंड में से कई हजार करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिला है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने गड़बड़ी की आशंका जताते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार अब एमसीडी के इन खातों की जांच कराएगी.