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बवाना हादसे का जिम्मेदार कौन? MCD और दिल्ली सरकार में खींचतान

आज तक ने इस मुद्दे पर दिल्ली के उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन से बात की तो वह बचते नजर आए बोले फैक्ट्री में गलत काम तो हो रहा था, लेकिन उसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं है. एमसीडी ने यहां का लाइसेंस देती है. एमसीडी ही यहां नक्शा पास करती है. दिल्ली सरकार यह अधिकार कब से मांग रही है.

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बवाना हादसा
बवाना हादसा

दिल्ली का बवाना इंडस्ट्रियल एरिया उत्तर भारत का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है, यहां 10 हजार से ज्यादा स्मॉल स्केल फैक्ट्री यूनिट हैं. ये रीसेटलमेंट एरिया है. दिल्ली में किसी की कहीं भी कोई फैक्ट्री थी, तो उन्हें यहीं शिफ्ट किया गया था. यह पूरा एरिया दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट काउंसिल (DSIDC) के तहत आता है, जो कि उद्योग मंत्रालय के तहत है.

आज तक ने इस मुद्दे पर दिल्ली के उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन से बात की तो वह बचते नजर आए बोले फैक्ट्री में गलत काम तो हो रहा था, लेकिन उसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं है. एमसीडी यहां का लाइसेंस देती है. एमसीडी ही यहां नक्शा पास करती है. दिल्ली सरकार यह अधिकार कब से मांग रही है.

वहीं दूसरी तरफ भाजपा दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस मसले पर केजरीवाल सरकार और मंत्री सत्येंद्र जैन को जमकर कोसा. तिवारी ने कहा कि यह दिल्ली सरकार का औद्योगिक क्षेत्र है और यहां की फैक्ट्रियां उन्हीं के अधिकार क्षेत्र के तहत आती हैं. ऐसे भी यहां जो भी काम हो रहा है, उसकी जवाबदेही उनकी है.

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हमने इसी मसले पर जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक स्थानीय फैक्ट्री मालिक से बात की. मनीष सिंघल नाम की फैक्ट्री मालिक ने बताया कि उनकी फैक्ट्री भी पास में ही है. 15 साल पहले उन्हें यहां पर फैक्ट्री अलॉट की गई थी. यह पूरा एरिया दिल्ली सरकार के औद्योगिक विकास मंत्रालय के अंतर्गत आता है, जिसके मंत्री सत्येंद्र जैन है. हालांकि अलग-अलग फैक्ट्रियों में अलग-अलग लाइसेंसिंग अथॉरिटी है. एमसीडी भी लाइसेंस जारी करती है.

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