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ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने अपनी जान गंवाकर बचाई थी बच्चे और महिला की जान

द‍िल्ली में पति से झगड़े के बाद महिला ने अपने बच्चे के साथ आत्महत्या की कोशिश की. उसे बचाने के ल‍िए एक ऑटो ड्राइवर की जान चली गई. 4 द‍िन बाद भी नहर में डूबे ड्राइवर  के शव का पता नहीं चल पाया है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

द‍िल्ली में  एक ऑटो चालक पवन शाह ने एक महिला और बच्चे को नहर में डूबने से तो बचा लिया किंतु वह स्वयं अपने प्राण नहीं बचा पाया. पुलिस को 4 द‍िन बाद भी उसका शव नहीं मिला है.

पुलिस ने बुधवार को बताया कि गत शनिवार को 30 साल के ऑटो चालक पवन शाह सवारी को छोड़कर अपने घर वापस लौट रहा था. उसने देखा कि मीठापुर नहर पर एक पुल के किनारे पर एक महिला अपने बच्चे को गोद में लेकर खड़ी है और फिर महिला ने पुल से नीचे छलांग लगा दी. पवन अपने ऑटो  से बाहर आ गया और महिला एवं उसके बच्चे को बचाने के लिए बिना कुछ सोचे पानी मे छलांग लगा दी. साथ ही उसने मदद के लिए आवाज लगाई.

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्व) चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि वहां से गुजर रहे तीन लोगों ने पवन और महिला को देखा और वे मानव श्रृंखला बना कर उन्हें बचाने लगे. उन लोगों ने मां-बेटे दोनों को डूबने से बचा लिया लेकिन जब वे पवन को बचाने गये तब तक बहुत देर हो चुकी थी. ऑटो चालक पानी के तेज बहाव में बह गया था.

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वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीनों व्यक्तियों राजवीर, जमील और संजीव ने घटना के बारे में जैतापुर पुलिस थाने को सूचित किया. पुलिस ने जल्द ही घटनास्थल पर पहुंच गयी और पवन की तलाशी शुरू कर दी. हालांकि चार दिन बीतने के बाद भी उसका शव बरामद नहीं हुआ है. बचाई गई महिला और उसके बच्चे को अस्पताल ले जाया गया था जहां उनकी स्थिति अब स्थिर है.

जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि पति से झगड़े के बाद महिला ने अपने बच्चे के साथ आत्महत्या की कोशिश की थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पवन के नाम की अनुशंसा 'जीवन रक्षा' बहादुरी पुरस्कार के लिए की जाएगी.

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