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दिल्ली की आबोहवा फिर से 'बेहद खराब' हुई, जल्द राहत मिलने की संभावना नहीं

तापमान के सामान्य से नीचे रहने और हवा में आद्रता की अच्छी मात्रा के चलते एयर क्वालिटी और भी खराब हो सकती है. यह वातावरणीय परिस्थितियां वायु प्रदूषण को और अधिक बढ़ा सकती हैं, जिससे राजधानी और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

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दिल्ली की आबोहवा फिर बेहद खराब हो गई है (फोटो- PTI)
दिल्ली की आबोहवा फिर बेहद खराब हो गई है (फोटो- PTI)

राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हवा की गति कम होने के कारण एयर क्वालिटी फिर से गिरावट की ओर बढ़ रही है. रविवार को शाम 7 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 307 तक गिर गया, जो "अत्यंत खराब" श्रेणी में आता है. हालांकि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी 4 बजे के राष्ट्रीय बुलेटिन के अनुसार 24 घंटे का औसत AQI 294 था, जो "खराब" श्रेणी को दर्शाता है.

इस बार एयर क्वालिटी पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर रही है, क्योंकि महीने के पहले 15 दिनों में केवल एक दिन एक्यूआई 'अत्यंत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है. 2018 के बाद यह सबसे स्वच्छ दिसंबर रहा है, सिवाय 2020 के, जिसमें कोविड के कारण कई प्रतिबंध थे.

इस दिसंबर में 6 दिन AQI "मध्यम" श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि 2018 से अब तक किसी भी वर्ष में 15 दिसंबर तक एक्यूआई 2 दिन से ज्यादा "मध्यम" श्रेणी में दर्ज नहीं किया गया है. हालांकि, ऐसा लगता है कि मौसम को लेकर अच्छे दिन खत्म हो गए हैं, क्योंकि अगले एक सप्ताह तक हवा की गति 5 किमी/घंटा के आसपास या उससे कम रहने की संभावना है.

इसके अलावा तापमान के सामान्य से नीचे रहने और हवा में आद्रता की अच्छी मात्रा के चलते एयर क्वालिटी और भी खराब हो सकती है. यह वातावरणीय परिस्थितियां वायु प्रदूषण को और अधिक बढ़ा सकती हैं, जिससे राजधानी और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. 

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दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने शहर में गौशालाओं और डेयरी फार्मों को 15 दिनों के भीतर प्रदूषण नियंत्रण सहमति प्राप्त करने का निर्देश दिया है. साथ ही चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

समिति ने रविवार को एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया, जिसमें 15 या उससे अधिक मवेशियों वाली सभी 'गौशालाओं' और डेयरी फार्मों तथा दिल्ली में डेयरी कॉलोनियों में संचालित सभी डेयरियों को जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1974 और वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत अनिवार्य सहमति के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया गया है. यह निर्देश हाल ही में न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में जारी किया गया है और नोटिस के 15 दिनों के भीतर इसका पालन किया जाना चाहिए, ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी.

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