देश की राजधानी में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि देश के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश(LNJP) में पिछले एक हफ्ते में ब्लैक फंगस के मरीज, कोरोना के मरीजों से ज्यादा भर्ती हुए हैं. दिल्ली में महज 7 दिन के भीतर ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या 500 का आंकड़ा पार कर चुकी है.
'आजतक' ने लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार से खास बातचीत की. डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 3 दिनों में LNJP अस्पताल में 60 से ज्यादा मरी भर्ती हुए हैं. हर 24 घण्टे में 15 से 20 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हो रहे हैं. ये एक अलार्मिंग स्थिति है.
डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि पिछले एक हफ्ते से कोरोना के मरीजों का एडमिशन कम हो रहा है जबकि ब्लैक फंगस के मरीजों का एडमिशन ज्यादा हो रहा है. लोक नायक अस्पताल में कुल मरीजों में से आधे से ज्यादा मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हैं. ब्लैक फंगस के लिए 2 वार्ड बनाए थे जो पूरी तरह मरीजों से भर गए. अब तीसरा वार्ड ब्लैक फंगस मरीजों के लिए बनाया गया गया. हर वार्ड में 30 मरीजों को भर्ती किया गया है.
ब्लैक फंगस का खौफ, ऑपरेशन से डर कर हॉस्पिटल से भाग रहे मरीज
एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना का इलाज करा चुके सिर्फ 2 मरीज ब्लैक फंगस से संक्रमित हुए हैं जबकि ऐसे ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या अधिक है जो प्राइवेट असप्तालों में भर्ती थे और अब एलएनजेपी अस्पताल में एडमिट होने आ रहे हैं. ज्यादातर 21 मरीज उत्तरप्रदेश से, गुरुग्राम से 3 मरीज तो राजस्थान, उड़ीसा और पंजाब से 1-1 मरीज एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं.
स्टेरॉयड ज्यादा तो ब्लैक फंगस का खतरा!
ब्लैक फंगस के इन मरीजों ने अधिक मात्रा में स्टेरॉयड लिया है. डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती 64 ब्लैक फंगस मरीजों में से 35 मरीजों को डायबिटीज है, जबकि 5 मरीज ऐसे हैं जिन्हें हाल ही में स्टेरॉयड्स देने की वजह से डायबिटीज हो गई और इनका सुगर लेवल भी बहुत ज्यादा है.
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ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन Amphotericin-B की किल्लत एक बड़ी समस्या बनी हुई है. ब्लैक फंगस के मरीज को रोजाना 5 इंजेक्शन लगाए जाते हैं. डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि फिलहाल एलएनजेपी अस्पताल में 17 मरीज ऐसे भर्ती हुए हैं, जिनका ब्लैक फंगस का ऑपरेशन प्राइवेट अस्पताल में हुआ लेकिन इंजेक्शन की कमी की वजह से ऐसे मरीजों ने एलएनजेपी अस्पताल का रुख किया है.
हर दिन सामने आ रहे 15 से 20 केस
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक एलएनजेपी अस्पताल में वर्तमान में भर्ती 90 फीसदी से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था. लोक नायक अस्पताल में 21 मई को ब्लैक फंगस के 13 मरीज भर्ती थे, जिनकी संख्या 25 मई को बढ़कर 64 हो गई है. वहीं, एलएनजेपी अस्पताल में पिछले एक हफ्ते से रोजाना 10 से 12 मरीज कोरोना के भर्ती हो रहे हैं जबकि एलएनजेपी में ब्लैक फंगस मरीजों का रोजाना का आंकड़ा 15 से 20 का है.
दवाइयों की किल्लत से जूझ रहे अस्पताल
डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि Amphotericin-B के लिए रोजाना कमिटी को ईमेल किया जाता है और सरकार मरीजों की संख्या के मुताबिक इंजेक्शन मुहैया कराती है. लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एक बड़ी टीम तैनात की गई है. डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि कोरोना मरीजों की संख्या कम हो गए थे. इस बीच ब्लैक फंगस के मामले बढ़े तो ईएनटी सर्जन, प्लास्टिक सर्जन और जनरल सर्जन समेत 30 डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई गई है. ब्लैक फंगस मरीजों की देखभाल के लिए 80 से 90 स्टाफ नर्स भी तैनात की गई हैं.
मरीजों पर रखी जा रही है नजर
एलएनजेपी अस्पताल में मरीज जो कोरोना और ब्लैक फंगस दोनों से संक्रमित हैं, उन्हें अलग वार्ड में भर्ती किया गया है. ऐसे मरीज जिन्हें कोरोना संक्रमण नहीं है लेकिन वो ब्लैक फंगस से पीड़ित हैं. उन्हें अलग वार्ड में भर्ती किया गया है. ब्लैक फंगस की चपेट में आए किसी मरीज की सर्जरी करने के लिए एक आईसीयू वार्ड भी बनाया गया है. एलएनजेपी में भर्ती ब्लैक फंगस मरीजों की सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी निगरानी रखी जा रही है.
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