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जनलोकपाल बिल को सदन में पेश ही नहीं होने देंगे: कांग्रेस

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि यदि आम आदमी पार्टी ‘संवैधानिक मानदंडों’ का पालन किए बगैर जनलोकपाल विधेयक को विधानसभा में लाती है तो पार्टी उसका समर्थन नहीं करेगी. कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने तो यहां तक कहा कि वे जनलोकपाल का समर्थन तो छोड़ि‍ए उसे सदन में रखने तक नहीं देंगे.

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अरविंदर सिंह लवली
अरविंदर सिंह लवली

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि यदि आम आदमी पार्टी ‘संवैधानिक मानदंडों’ का पालन किए बगैर जनलोकपाल विधेयक को विधानसभा में लाती है तो पार्टी उसका समर्थन नहीं करेगी. कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने तो यहां तक कहा कि वे जनलोकपाल का समर्थन तो छोड़ि‍ए उसे सदन में रखने तक नहीं देंगे. ‘आप’ सरकार ने सोमवार को ही यह स्पष्ट किया था कि वह जनलोकपाल विधेयक को विधानसभा में पेश करने से पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय या उपराज्यपाल के पास नहीं भेजेगी. उसके बाद मंगलवार को कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जोर दिया है.

कांग्रेस नेता हारून यूसुफ ने संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस जन लोकपाल विधेयक के खिलाफ नहीं है लेकिन हम चाहते हैं कि कानून संवैधानिक तरीके से और कानून के दायरे में रहते हुए पारित हो. हम इस मुद्दे पर उपराज्यपाल से संपर्क करेंगे, क्योंकि दिल्ली में वही संविधान के संरक्षक हैं.’ सूत्रों के अनुसार, कानून विभाग का कहना है कि वर्तमान नियमों के अनुरूप, किसी भी विधेयक को सदन में रखने से पहले उस पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय या उपराज्यपाल से मंजूरी लेना दिल्ली सरकार के लिए आवश्यक नहीं है.

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि पार्टी उपराज्यपाल नजीब जंग से अनुरोध करेगी कि वह आप सरकार को संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन करने से रोके. लवली ने संवाददाताओं से कहा, ‘राजनीतिक नौटंकी के लिए लाए गए असंवैधानिक जनलोकपाल विधेयक के संबंध में उपराज्यपाल नजीब जंग को एक ज्ञापन सौपेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘सरकार का काम कानून बनाना है उनका उल्लंघन करना नहीं.’ कानून का हवाला देते हुए लवली ने कहा कि विधेयक को विधानसभा में पेश करने से पहले उपराज्यपाल की मंजूरी आवश्यक है.’

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आरोप लगाते हुए कि विधेयक लाने के पीछे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ सरकार की भावना अच्छी नहीं थी, लवली ने कहा, ‘उन्होंने जनता की सेवा करने और दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का वादा किया था. अब जब उनके पास ऐसा करने का अवसर है तो वह कानूनी दायरे में इसे नहीं कर रहे हैं. वह विधेयक का इस्तेमाल सिर्फ प्रचार के लिए कर रहे हैं.’

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