कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण मिलने पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद का सियासी सफर लंबा रहा है. आजाद साहब को बधाई, वे डिजर्व करते हैं. इसके अलावा राज्यसभा सांसद ने कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश के उस ट्वीट को भी गलत बताया जिसके जरिए रमेश ने आजाद पर तंज कसा था. अखिलेश सिंह ने कहा कि जयराम रमेश को यूं ट्वीट नहीं करना चाहिए थे, उनका ट्वीट गलत था.
अखिलेश सिंह ने कहा कि पूरी कांग्रेस को इस बात की खुशी है कि आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. उन्होंने कहा कि आजाद ने 5 दशक तक अपने सियासी जीवन के जरिए लोगों की सेवा की. वे संगठन और सरकार में भी रहे, उनकी एक पहचान भी है. अखिलेश ने कहा कि जो पब्लिक लाइफ में रहता है, वह किसी के कहने और चाहने से साइड लाइन नहीं होता है, वह (आजाद) पार्टी के बड़े नेता हैं. आजाद का नाम स्टार प्रचारक की लिस्ट में है, उनकी पहचान को खत्म करना इतना आसान नहीं है.
अखिलेश ने कहा कि जयराम रमेश के ट्वीट को मैं गलत मानता हूं. जहां तक लेफ्ट नेताओं का सवाल है तो उनकी तो पॉलिसी है. प्रणब बाबू को भी सम्मानित किया गया था. अगर आजाद साहब को मिलता है तो उनको खुशी होनी चाहिए थी.
अखिलेश सिंह ने आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि पार्टी के इतने पुराने नेता को छोड़कर जाना ठीक नहीं है. कांग्रेस को इस पर विचार करना चाहिए. अखिलेश सिंह ने कहा कि आरपीएन सिंह एक स्टेट (झारखंड) के प्रभारी थे. संगठन में उनकी भूमिका थी, हालांकि एक छोटा नेता भी पार्टी छोड़े तो मुझे दुर्भाग्यपूर्ण लगेगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अभी तो चुनाव का मौसम है.
G23 जिसमें कपिल सिब्बल, शशि थरूर और आनंद शर्मा थे, को अखिलेश सिंह ने गुट मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में पार्टी में सुधारों के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा गया था. अब उसमें भी राजनीति होने लगी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आलोचकों को निशाने पर लिया
गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण दिये जाने के बाद उनकी आलोचकों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने निशाना साधा है. कांग्रेस के राज्यसभा सचेतक अश्विनी कुमार ने कहा कि गुलाम नबी आजाद की पद्म पुरस्कार की आलोचना एक शर्मनाक बयानबाजी से कम नहीं है. इन बयानों का उद्देश्य पुरस्कार और इसके प्राप्तकर्ता की गरिमा को लूटना है. उन्होंने कहा कि इस तरह की मानसिकता कांग्रेस के गणमान्य लोकाचार के साथ न्याय नहीं करती है.