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कोई सवाल ना पूछे, इसलिए 70 साल तक षड्यंत्र के तहत कांग्रेस-बीजेपी ने देश को अनपढ़ रखाः केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए कहा, पिछले 5-6 साल के अंदर दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में जो काम हुआ है, उसको एक क्रांति के रूप में देखा जा रहा है.

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (पीटीआई)
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली विधानसभा में सदन को संबोधित किया
  • बीजेपी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार दिल्ली विधानसभा में सदन को संबोधित किया. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 70 साल से बीजेपी और कांग्रेस ने षड्यंत्र के तहत देश को अनपढ़ रखा, ताकि इनसे कोई सवाल ना पूछ सके. पिछले 6 साल के अंदर दिल्ली में आई शिक्षा क्रांति ने बीजेपी और कांग्रेस की जड़ें हिला दी हैं. 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले 5-6 साल के अंदर दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में जो काम हुआ है, उसको एक क्रांति के रूप में देखा जा रहा है. अब गरीबों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल रही है. गरीबों के बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर बन रहे हैं. सरकारी स्कूलों के 98 प्रतिशत नतीजे आ रहे हैं. सरकारी स्कूलों की शानदार बिल्डिंग बन रही हैं, स्वीमिंग पूल बन रहे हैं. अब हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे अमीरों के बच्चों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं. इसलिए मन में एक प्रश्न उठना वाजिब है. 

आगे कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, "पिछले 70 साल में इस देश के ऊपर दो पार्टियों ने राज किया. जो काम दिल्ली में 5 साल में हो गया, वही काम पिछले 70 साल में क्यों नहीं हुआ? 70 साल के अंदर इन दोनों पार्टियों ने मिलकर शिक्षा व्यवस्था को ठीक क्यों नहीं किया? आज मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि इन दोनों पार्टियों ने मिलकर जानबूझ कर एक षड्यंत्र के तहत इस देश की शिक्षा व्यवस्था को बदहाली में रखा."

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सीएम ने कहा कि इन्होंने जानबूझ कर इस देश के लोगों को गरीब रखा और इस देश के बच्चों को अनपढ़ रखा, क्योंकि ये चाहते थे कि अगर ये बच्चे अनपढ़ रहेंगे, तो ये बच्चे बेरोजगार रहेंगे. अगर ये बच्चे अनपढ़ रहेंगे, तो ये बच्चे पिछड़े रहेंगे.

अगर ये बच्चे अनपढ़ रहेंगे, तो ये बच्चे गरीब रहेंगे, ताकि अमीरों को अपनी फैक्ट्रियों के लिए और अपने घरों के लिए सस्ते में मजदूर मिल सकें ताकि इन राजनीतिक दलों को जब-जब इनको राजनीतिक रैलियां करनी हो, तो इन्हें भाड़े के लोग मिल सकें, ताकि इन राजनीतिक दलों को सस्ते में अपने कार्यकर्ता मिल सकें. इन राजनीतिक दलों को अपना वोट बैंक मिल सके और इनसे सवाल पूछने वाला कोई नहीं हो. जानबूझकर एक षणयंत्र के तहत इस देश के लोगों को गरीब रखा गया. 

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