देशभर में मौसम ने एक बार फिर से करवट ली हैं, जहां एक ओर पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी हो रही है. वहीं, कई मैदानी इलाकों में हल्की बारिश होने लगी है. इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में भी मौसम का हाल कुछ ऐसा ही है. आसमान में काले बादल छाए हैं और ठंडी हवाएं चल रही है. बारिश की फुहारों ने मौसम को खुशनुमा कर दिया है. इसके साथ ही प्रदूषण के कहर से भी लोगों को कुछ राहत दी है.
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बनी वजह
मौसम विभाग की माने तो इसके पीछे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस मुख्य वजह है. हाल ही में एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आया था, जिसके बाद मौसम में बदलाव दर्ज किया गया और इसके ठीक बाद एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस होने वाला है, जिसकी वजह से मौसम इसी तरह का बना रहेगा. देशभर में बदले मौसम की जानकारी देते हुए मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर सोमा सेन राय ने बताया कि जैसे ही राजधानी दिल्ली में बारिश का सिलसिला शुरू हुआ और आसमान में काले बादल छाए उसके बाद न्यूनतम तापमान पहले से बढ़ गया यानी बीते दो-तीन दिन पहले जहां दिल्ली-एनसीआर का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था, वह बढ़कर 14 डिग्री तक पहुंच गया है.
पूरे उत्तर भारत में आसमान में बादल और हल्की-फुल्की फुहारें
उत्तर भारत में आने वाले दिनों में मौसम ऐसा ही बना रहेगा. यहां एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस दस्तक देने वाला है जिसकी वजह से आसमान में बादल छाए रहेंगे और हल्की-फुल्की फुहारें होती रहेंगी. उसके साथ ही धीरे-धीरे यह बारिश और बादल मध्य भारत से होते हुए महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के हिस्सों तक पहुंच जाएंगे.
4 से 5 दिन दिल्ली में ठंडी हवाएं और बारिश
मौसम विभाग की माने तो अचानक से मौसम में हुए बदलाव के पीछे जो वजह है, वह वेस्टर्न डिस्टरबेंस है, लेकिन अभी एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस होने वाला है. हालांकि मौसम में इससे बहुत ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा और आने वाले 4 से 5 दिन मौसम ऐसा ही बना रहेगा. पहाड़ों में हुई बर्फबारी की वजह से दिल्ली-एनसीआर और मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं जरूर चलने लगी है लेकिन अभी दिल्ली एनसीआर में ठंड नहीं पड़ेगी मौसम में नमी बनी रहेगी और आसमान में काले बादल होने की वजह से उमस बढ़ने की भी संभावना है.
मौसम विभाग कि माने तो बंगाल की खाड़ी में एक और लो प्रेशर बन रहा है. इसकी वजह से हो सकता है देश भर में एक बार फिर मौसम में बदलाव हो इसलिए मौसम विभाग का कहना है आने वाले दिनों में ये लो प्रेशर भी मौसम में बदलाव की वजह रहेगा.