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बिना गाइडलाइन दिल्ली में ई रिक्शा चलाने का आदेश नहीं दे सकतेः हाई कोर्ट

राजधानी में ई रिक्शा पर प्रतिबंध जारी रहेगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को साफ कर दिया कि ई रिक्शों के प्रचलन को नियंत्रित करने के लिये दिशा निर्देशों के बगैर इन्हें चलाने की अनुमति नहीं दी सकती. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र को इस मुद्दे पर मसौदा नियम बनाने का निर्देश भी दिया.

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ई रिक्शा पर 14 अगस्त तक बैन लगा है
ई रिक्शा पर 14 अगस्त तक बैन लगा है

राजधानी में ई रिक्शा पर प्रतिबंध जारी रहेगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को साफ कर दिया कि ई रिक्शों के प्रचलन को नियंत्रित करने के लिये दिशा निर्देशों के बगैर इन्हें चलाने की अनुमति नहीं दी सकती. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र को इस मुद्दे पर मसौदा नियम बनाने का निर्देश भी दिया.

जस्टिस बी डी अहमद और जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की पीठ ने कहा, ‘हमारी चिंता बिल्कुल स्पष्ट है और हम बिना किसी नियमन के ऐसे ई रिक्शा के परिचालन की अनुमति नहीं दे सकते.’ दिल्ली सरकार और केंद्र की तरफ से पेश होने वाली अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पिंकी आंनद ने कहा कि मुद्दा करीब 50,000 ई-रिक्शा मालिकों की रोजी रोटी से जुड़ा हुआ है और दिल्ली पुलिस तथा निकाय एजेंसियों की निगरानी में उन्हें चलाने की अनुमति दी जाए.

पीठ ने कहा, ‘हम किसी भी अवैध कृत्य की अनुमति नहीं देंगे. आप हमें दिखाइये कि किस दिशानिर्देश या नियमों के तहत पुलिस उनका नियमन करेगी. समुचित नीति होने पर ही हम इन्हें चलाने की अनुमति दे सकते हैं क्योंकि कानून के नियमों का पालन होना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘हम भी खुश नहीं है लेकिन हमे देश की राजधानी में अराजकता की अनुमति नहीं देनी चाहिए, जो देश के सभी शहरों के लिए एक आदर्श शहर के तौर पर होना चाहिए.’

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इस पर पिंकी आनंद ने कहा कि केंद्र इस मुद्दे पर दिशानिर्देश का मसौदा तैयार करेगा. उनका कहना था कि दिशानिर्देशों के वैधानिक संशोधन का स्थान लिये जाने तक ई-रिक्शा को चलाने की अनुमति दी जा सकती है. इसके बाद कोर्ट ने बैटरी रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन की पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटिशन) पर सुनवाई के लिए 8 अगस्त की तारीख मुकर्रर की.

अदालत राजधानी की सड़कों पर ई-रिक्शा पर लगायी गयी पाबंदी के अपने आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका की सुनवाई पर सोमवार को सहमत हो गयी थी. एसोसिएशन के वकील आर के कपूर ने मामले में तुरंत सुनवाई की मांग करते कहा था कि इलेक्ट्रिक मोटर चालित तीन पहिया वाहनों (ई-रिक्शा और ई कार्ट्स) के नियमन के संबंध में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सभी राज्य सरकारों और केंद्र प्रशासित क्षेत्रों को परामर्श जारी किया गया है. उन्होंने दलील दी थी कि अदालत की संज्ञान में इस परामर्श को नहीं लाया गया है.

हाई कोर्ट ने 31 जुलाई को यह कहते हुए राष्ट्रीय राजधानी में ई रिक्शा चलाने पर पाबंदी का आदेश दिया था कि दिल्ली की सड़कों पर इनका अवैध रूप से परिचालन हो रहा है.

पुनर्विचार याचिका में यह भी दलील दी गयी है कि लाखों परिवार अपनी रोजी रोटी के लिए ई रिक्शा पर निर्भर हैं और इंसाफ के हित में अदालत 31 जुलाई के आदेश की समीक्षा सुधार कर सकती है. अदालत ने ई रिक्शा से जुड़ी एक घटना के कारण तीन वर्षीय एक बच्चे की मौत और उसकी मां के घायल होने की खबरों का संज्ञान लिया था. पीठ ने मुख्य मामले की सुनवाई की तारीख 14 अगस्त निर्धारित की.

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