scorecardresearch
 

'सरकारी स्कूलों में फेल हो रहे 96% स्टूडेंट...' BJP ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर उठाए सवाल, AAP ने किया खंडन

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने राज्य के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाए हैं. भाजपा नेता ने कहा, इस साल 9वीं और 11वीं कक्षा का परिणाम इतना खराब रहा है कि शिक्षा निदेशालय को एक परिपत्र जारी कर शिक्षकों से अपनी पुस्तिकाओं की समीक्षा करने को कहा गया है. सफल छात्रों की संख्या को बढ़ाने के लिए 6 अप्रैल एक समय दिया गया है.

Advertisement
X
दिल्ली एजुकेशन मॉडल पर भाजपा ने उठाए सवाल
दिल्ली एजुकेशन मॉडल पर भाजपा ने उठाए सवाल

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने राज्य के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, दिल्ली सरकारी स्कूलों के टीचरों को धमकाया जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि बच्चों का रिजल्ट अच्छा करके दीजिए. भाजपा नेता ने दावा किया हमारे पास जो जानकारी है, उसके आधार पर दिल्ली के स्कूलों का रिजल्ट बहुत खराब है. स्कूलों में बच्चों के 4 नंबर, 6 नंबर आ रहे हैं लेकिन टीचर्स पर इन्हीं बच्चों को 33% देकर पास करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.

भाजपा नेता ने कहा, हमारी स्कूल के टीचर्स से बात हो रही है. हमने खुद कुछ बच्चों की आंसर शीट्स देखी हैं, लेकिन सरकारी स्कूल के टीचर इतने डरे हुए हैं कि वह सामने नहीं आना चाहते हैं. इस दावे के साथ भाजपा ने आरोप लगाया कि दिल्ली में AAP सरकार का कोई शिक्षा मॉडल नहीं बल्कि फ्रॉड मॉडल है.

AAP के शिक्षा मॉडल पर भाजपा ने उठाए सवाल

भाजपा नेता ने कहा, मैं चैलेंज करता हूं कि सरकारी स्कूल के बच्चों से साधारण से सवालों के जवाब भी पूछ लीजिए जाएं तो वे उसका जवाब नहीं दे पाते हैं. भाजपा नेता ने दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी नेता आतिशी से पूछा कि अगर रिजल्ट अच्छा था तो सभी बच्चों के एक्जाम रिचेकिंग कराने की सर्कुलर जारी करने की जरूरत ही क्यों पड़ी?

Advertisement

आठंवी क्लास तक के बच्चों को नहीं किया जाता फेल

बता दें कि नो डिटेंशन पॉलिसी के तहत किसी भी बच्चे को आठवीं में रोका नहीं जा सकता है. इसी वजह से बच्चे का राइटिंग स्किल लगातार कमजोर होता जा रहा है और नौंवी क्लास में आते ही उनको राइटिंग स्किल (Writing Skill) इंप्रूव करनी पड़ती है. यही वजह है कि ज्यादातर आंसर शीट्स (Answer Sheets) में बच्चों को सही से हिंदी भी लिख रही नहीं आ रही है. दिल्ली के स्कूलों की उदासीनता कुछ ऐसी है कि दिल्ली में 9वीं और 11वीं क्लास का नतीजा घोषित हुआ है. भाजपा के दावे के मुताबिक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 96% छात्र फेल हो गए हैं. 

'शिक्षकों को किया जा रहा मजबूर'

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूल के शिक्षकों के फीडबैक के साथ-साथ समाचार रिपोटों से यह जानकरी मिली है कि इस साल 9वीं और 11वीं कक्षा का परिणाम इतना खराब रहा है कि शिक्षा निदेशालय को एक परिपत्र जारी कर शिक्षकों से अपनी पुस्तिकाओं की समीक्षा करने को कहा गया है. सफल छात्रों की संख्या को बढ़ाने के लिए 6 अप्रैल एक समय दिया गया है. उन्होंने कहा, दिल्ली में शिक्षकों आदेश दिए गए हैं कि अब औसत से कम छात्रों की लगभग खाली उत्तर पुस्तिकाओं में उत्तर लिखें और मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन वाले सेक्शन की मदद से उन्हें पास किया जाए और फिर उन्हें कम से कम 33 प्रतिशत अंक दिए जाएं.

Advertisement

शिक्षा मंत्री ने भाजपा के दावे का किया खंडन

दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने भाजपा के इन आरोपों से इनकार किया है. लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि रिचेकिंग के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है. आतिशी ने रिचेकिंग प्रोसेस को नियमित प्रक्रिया बताया. 

आतिशी ने कहा, 'भाजपा को चैलेंज करना चाहती हूं कि दिल्ली में किसी भी सरकारी स्कूल का पता बताएं, जहां 90% बच्चे फैल हुए हैं. BJP झूठ बोल रही है. केजरीवाल सरकार में बच्चे प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में एडमिशन ले रहे हैं. BJP के नेता पढ़े-लिखे होते तो सरकारी ऑर्डर पढ़ पाते और समझ पाते. ये एक सिंपल टेक्निकल रिचेकिंग का प्रोसेस है. ये जानने के लिए कहीं कोई नंबर छूट तो नहीं गया है.' 

आतिशी ने कहा, 'ये पता नहीं है कि BJP के नेता स्कूल-कॉलेज गए या नहीं. इसलिए उन्हें स्कूल की प्रक्रिया के बारे में पता नहीं है.'

Advertisement
Advertisement