दिल्ली हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को मुंबई स्थानांतरित करने के लिए एनआईए पर सवाल उठाए हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इसमें काफी जल्दबाजी दिखाई है.
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भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को दिल्ली से मुंबई ले जाने में बेवजह जल्दबाजी की है, जबकि यह मामला लंबित था. दरअसल, हाल ही में विशेष एनआईए अदालत ने 22 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. विशेष एनआईए कोर्ट ने 22 जून तक मुंबई के पास स्थित तलोजा जेल में नवलखा को भेज दिया है.
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के कारण अप्रैल के महीने में नवलखा ने एनआईए के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था. नवलखा को सुप्रीम कोर्ट ने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. इसके बाद नवलखा को तिहाड़ जेल में रखा गया था.
यूएपीए के तहत मामला दर्ज
हालांकि बाद में गौतम नवलखा को मुंबई भेजा गया. नवलखा पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्हें 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कथित संलिप्तता को लेकर अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया है.
बता दें कि गौतम नवलखा उन पांच मानवाधिकार कायकर्ताओं में से एक हैं, जिन्हें माओवादियों के साथ कथित संबंधों और भीमा कोरेगांव हिंसा में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया गया था.