दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ मारने से जुड़े मानहानि के एक मामले में दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दरअसल कोर्ट ने माना कि इस मामले में याचिकाकर्ता मनोज तिवारी के खिलाफ सबूत पेश ही नहीं किया गया, जिससे ये साबित हो कि उसकी मानहानि हुई है.
यही कारण है कि मनोज तिवारी के खिलाफ किए गए मानहानि के इस केस को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दिया है. यानी मनोज तिवारी के खिलाफ मानहानि का ये केस खत्म हो गया है. कोर्ट ने कहा कि मनोज तिवारी पर केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत ही नहीं हैं, इसलिए केस में मनोज तिवारी पर ट्रायल नहीं चलाया जा सकता.
हालांकि, कोर्ट ने मानहानि मामले में दूसरे आरोपी बनाए गए बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना के खिलाफ समन जारी किया है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि उन्हें 7 सितंबर को कोर्ट में पेश होना होगा.
आम आदमी पार्टी से जुड़े सुशील कुमार चौहान इस मामले में याचिकाकर्ता हैं. चौहान का आरोप है कि उनकी फोटो सीएम केजरीवाल पर हमलावर के तौर 8 मई को बीजेपी द्वारा की गई प्रेस कांफ्रेंस में दिखाई गई थी, लेकिन थप्पड़ मारने वाला व्यक्ति कोई दूसरा था.
चौहान का आरोप है कि बीजेपी की तरफ से उनको बदनाम करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ मारने का गलत आरोप लगाया गया. इतना ही नहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी नेताओं ने उसकी तस्वीर मीडिया में दिखाकर उसकी छवि को भी धूमिल किया जिसके चलते समाज में उसकी बहुत बेइज्जती हुई.
दरअसल, ये पूरा मामला 4 मई का है, जब अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए रोड शो के दौरान एक युवक उनकी जीप के नजदीक आया और जीप पर चढ़कर अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ लगा दिया. अरविंद केजरीवाल उस वक्त अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए रोड शो करने के लिए आए थे.
मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ यह थप्पड़ कांड मोती नगर इलाके में हुआ था. हालांकि, इस घटना के बाद थप्पड़ लगाने वाले व्यक्ति के साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर मारपीट की थी. उसके बाद उसे दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया था. बाद में दिल्ली पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और उसे जेल भेज दिया गया.