दिल्ली में सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं के सभी छात्रों की सीबीएससी परीक्षा की फीस आप सरकार की ओर से दिया जाएगा. इस बात की जानकारी दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी. उन्होंने कहा स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह किसी भी छात्र से बोर्ड की फीस न लें.
आपको बता दें, सीबीएसई ने एससी और एसटी वर्ग के छात्रों का परीक्षा शुल्क बढ़ाकर 1,200 रुपये कर दिया था. बोर्ड की ओर से नोटिफिकेशनम जारी किया गया था. जिसके अनु़सार, सामान्य श्रेणी के छात्रों का परीक्षा शुल्क 750 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दिया गया था.
दिल्ली में सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं के सभी छात्रों की सीबीएससी परीक्षा की फ़ीस सरकार देगी. इस बारे में आज स्कूलों को छात्रों से फ़ीस न लेने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. pic.twitter.com/FY7Y3zWL8z
— Manish Sisodia (@msisodia) August 23, 2019
दिल्ली में सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं के सभी छात्रों की सीबीएससी परीक्षा की फीस सरकार देगी. इस बारे में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों को छात्रों से फीस न लेने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
जहां फीस बढ़ने के आदेश से पहले परीक्षा एससी और एसटी वर्ग के छात्रों को सभी विषयों के लिए 50 रुपये परीक्षा शुल्क का भुगतान करना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें पांच विषयों के लिए 1,200 रुपये और अतिरिक्त विषय के लिए प्रति विषय 300 रुपये परीक्षा की फीस देनी पड़ती. फीस बढ़ाने के पीछे सीबीएसई ने कहा था कि उनकी से पिछले 5 वर्ष में फीस नहीं बढ़ाई गई. इसलिए फीस बढ़ाने का फैसला लिया गया.
वापस लेना पड़ा फैसला
फीस बढ़ने के साथ छात्रों और अभिभावकों की चिंता भी बढ़ गई थी. जिसके चलते केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने आखिरकार दिल्ली में एससी/एसटी छात्रों को राहत देते हुए 10वीं-12वीं परीक्षा शुल्क में की गई बढ़ोतरी को वापस ले लिया है.
Central Board of Secondary Education, Secretary, Anurag Tripathi: We have issued a circular to the Delhi Government today that SC/ST students in Delhi will have to pay Rs 50 only for Class X and Class XII Board examinations. pic.twitter.com/B1DzzQH6f7
— ANI (@ANI) August 13, 2019
सीबीएसई ने एक बयान जारी कर कहा कि एससी/एसटी छात्रों से परीक्षा शुल्क के रूप में पहले की तरह अब भी मात्र 50 रुपया ही लिया जाएगा. बाकी का पैसा दिल्ली सरकार चुकाएगी.