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यमुना एक्सप्रेस वे पर एक्सीडेंट में कटा डॉक्टर का हाथ, सूझबूझ से फिर जोड़ा

यमुना एक्सप्रेस वे पर रफ्तार का कहर एक बार फिर एक बड़े हादसे की वजह बना जिसमें एक खड़ी गाड़ी को पीछे से आ रही दूसरी गाड़ी ने जोरदार टक्कर मारी जिसमें गाड़ी ड्राइव कर रहे डॉ महेंद्र का हाथ शरीर से अलग हो गया.

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कार हादसा
कार हादसा

यमुना एक्सप्रेस वे पर रफ्तार का कहर एक बार फिर एक बड़े हादसे की वजह बना जिसमें एक खड़ी गाड़ी को पीछे से आ रही दूसरी गाड़ी ने जोरदार टक्कर मारी जिसमें गाड़ी ड्राइव कर रहे डॉ महेंद्र का हाथ शरीर से अलग हो गया.


हालांकि अपनी सूझबूझ और डॉक्टरों के प्रयास से अब उनका हाथ वापस जोड़ दिया गया है. अस्पताल में लेटे डॉक्टर महेंद्र ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वो एक भयानक हादसे का शिकार होंगे. 32 साल के डॉ महेंद्र गुड़गांव के पुष्पांजलि अस्पताल में पेशे से नेफ्रोलोजिस्ट हैं.

यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए एक्सीडेट से इनका दायां हाथ शरीर से अलग हो गया. लेकिन महेंद्र ने अपनी डॉक्टरी की जानकारी को सही वक्त पर अप्लाई किया और अब इनका हाथ आपरेशन से दोबार जोड़ा जा चुका है.

एक्सीडेट यमुना एक्सप्रेस वे पर रविवार को दोपहर के 1.30 बजे हुआ. जब डॉ महेंद्र अपने पिता के टुंडला से आ रहे थे. महेंद्र ने पानी पीने के लिए अपनी गाड़ी रोकी. पीछे से तेज रफ्तार से आ रही कार ने टक्कर मारी और जब होश आया तो दायां हाथ शरीर से अलग हो चुका था और बाएं पैर की हड्डियां टूट चुकी थी.

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कैलाश अस्पताल में लिंब प्रिजर्व करने के बाद इन्हें गंगाराम अस्पताल लेजाया गया. जहां डॉक्टरों की दो टीम ने फौरन आपरेट किया और सक्सेफुली हाथ को जोड़ दिया गया. डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे आपरेशन में बॉटी पार्ट को प्रिर्जव कर सही समय पर आपरेशन करना बेहद जरूरी होता है.

हालांकि महेंद्र के हाथ को पूरी तरह से ठीक होने में डेढ़ से दो साल तक का वक्त लग सकता है. 3-6 महीने में हाथ से वो हल्के फुल्के काम कर सकते हैं.

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