दिल्ली के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक करतार सिंह तंवर की विधायकी चले गई है और उन्हें दिल्ली विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिय गया है. स्पीकर राम निवास गोयल ने दलबदल विरोधी कानून के तहत तंवर को अयोग्य घोषित कर दिया. इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा में 70 में से अब चार सीटें खाली हो गई हैं. 66 सीटों में से फिलहाल 59 विधायक AAP के हैं जबकि 7 विधायक बीजेपी के हैं.
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने घोषणा की कि विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया गया है और चुनाव आयोग को उनकी अयोग्यता के बारे में सूचित कर दिया गया है.इसके अलावा रामवीर सिंह बिधूड़ी और राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया गया है. बिधूड़ी अब दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं, गौतम कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
बीजेपी में हो गए थे शामिल
तंवर 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP के टिकट पर छतरपुर सीट से विधायक चुने गए थे. जुलाई में, उन्होंने AAP छोड़ दी और एक अन्य विधायक राज कुमार आनंद के साथ भाजपा में शामिल हो गए. पटेल नगर आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राज कुमार आनंद ने अप्रैल में समाज कल्याण मंत्री के रूप में अपना पद छोड़ दिया. उन्होंने AAP से इस्तीफा दे दिया और पहले स्पीकर ने उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया था.
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दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया, "तंवर को स्पीकर ने दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया और 10 जुलाई, 2024 से उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई."
कौन हैं करतार सिंह तंवर
करतार सिंह तंवर ने 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता ब्रह्म सिंह तंवर को करीबी मुकाबले में हराया था. यह जीत 2015 के विधानसभा चुनाव में तंवर की पिछली सफलता के बाद आई है, जहां वे ब्रह्म सिंह तंवर के खिलाफ विजयी हुए थे. 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले करतार सिंह तंवर भाजपा से जुड़े थे. उनका राजनीतिक करियर 2007 में शुरू हुआ जब उन्होंने दिल्ली नगर निगम में भाटी वार्ड के पार्षद के रूप में सीट जीती. राजनीति में आने से पहले, उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड में जूनियर इंजीनियर के रूप में काम किया.