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'Money Heist' के स्टाइल में लूटे 150 करोड़, दिल्ली से अरेस्ट हुए  'प्रोफेसर','फ्रेडी' और 'अमांडा'

दिल्ली पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने वेब सीरीज़ ‘मनी हाइस्ट’ से प्रेरित होकर ऑनलाइन ठगी का जाल बिछाया था. आरोपी खुद को ‘प्रोफेसर’, ‘फ्रेडी’ और ‘अमांडा’ के नाम से पेश करते थे और सीक्रेट व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर निवेश के नाम पर लोगों से 150 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके थे.

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दिल्ली में 'Money Heist' के स्टाइल में लूटे 150 करोड़ (Photo: itg)
दिल्ली में 'Money Heist' के स्टाइल में लूटे 150 करोड़ (Photo: itg)

दिल्ली पुलिस ने तीन ऐसे साइबर ठग को गिरफ्तार किया है जिन्होंने वेब सीरीज 'मनी हाइस्ट' देखकर ऑनलाइन ठगी करनी शुरू की. हालांकि इनके नाम अर्पित, प्रभात ओर अब्बास हैं लेकिन दुनिया के नजर में ये खुदको वेब सीरीज 'मनी हाइस्ट' के प्रोफेसर, फ्रेडी और अमांडा दिखाते थे.

पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद तीन आरोपियों आर्पित, प्रभात और अब्बास को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने सोशल मीडिया पर सीक्रेट ग्रुप बनाकर लगभग 150 करोड़ रुपयों से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है. ठगी के लिये तीनो ने अपनी ऑनलाईन पहचान बदल दी. पेशे से वकील अर्पित बना प्रोफेसर, प्रभात वाजपेई ने निभाई अमांडा की भूमिका, अब्बास बन गया फ्रेडी. पुलिस के मुताबिक इनके तार 23 करोड़ के एक डिजिटल अरेस्ट से भी जुड़े है.
 
कुछ समय पहले उत्तर पूर्वी जिला पुलिस को एक शख्स ने करीब 22 लाख की ठगी की शिकायत दी थी. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि ठगों ने खुद को एक मशहूर फाइनेंशियल कंपनी का प्रतिनिधि बताया था. 'स्टॉक मार्केट के टिप्स'के बहाने उन्हें एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ लिया गया था. फिर पीड़ित को 'डायरेक्ट मार्केट अकाउंट' में निवेश करने के लिए राजी किया गया, लेकिन पैसा जमा होते ही उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया और और पैसे की मांग की गई.

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शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की. मनी ट्रेल की जांच की गई. बैंक ट्रांजैक्शंस, कॉल डिटेल्स और IP लॉग्स के जरिए पुलिस ने ठगों की लोकेशन नोएडा , उत्तर प्रदेश और गुवाहाटी (असम) तक ट्रेस की. पूछताछ से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने नोएडा और सिलीगुड़ी में छापेमारी की जहां से ठगी से जुड़े डिजिटल सबूत बरामद किए. इसके अलावा 11 मोबाइल फोन,17 सिम कार्ड, 12 बैंक पासबुक/चेकबुक, 32 डेबिट कार्ड और कई व्हाट्सऐप चैट और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट पुलिस को मिले है. पुलिस के अनुसार, आरोपी 'Secure the Game' और 'Pintoss' नाम के सीक्रेट व्हाट्सऐप ग्रुप्स के जरिए काम करते थे, पुलिस से बचने के लिए इनका ठिकाना होता था आलीशान होटल जहां पर बैठकर मोबाइल के ज़रिए पूरा साइबर क्राइम का खेल खेला जाता था.


 

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