दिल्ली अब अपराधों का शहर बनती जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में हर दिन 14 बच्चे लापता होते हैं. आरटीआई से मिले ये आंकड़ें चौंकाने वाले हैं.
एलाइंस फॉर पीपुल राइट्स के साथ मिलकर CRY ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसके मुताबिक दिल्ली से हर दिन 14 बच्चे गायब हो जाते हैं. साल 2012 में 4086 बच्चे लापता हुए, लेकिन इनमें से 2887 बच्चों की गुमशुदगी के ही मामले दर्ज हुए और इनमें से सिर्फ 832 बच्चों को ही ढूंढ़ के निकाला जा सका. यह आंकड़े आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी से हासिल किए गए. देश के उत्तर-पूर्व में बच्चों के खोने के आंकड़े सबसे ज्यादा हैं.
राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की सदस्य नीना नायक कहती हैं कि जब भी बच्चे की खोने की कोई शिकायत आती है तो सबसे पहले उसे तेजी से ढूंढ़ने की कवायद शुरू कर देनी चाहिए. बच्चे के गुम होने के शुरुआती दिन में परिवार द्वारा दी गई जानकारी बहुत महत्वपूर्ण होती है. इसके साथ ही उन्होंने सभी राज्यों में बाल सुरक्षा प्राधिकरण पर भी विशेष बल दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, 'दिल्ली की जनसंख्या 1.63 करोड़ है, इनमे 40 प्रतिशत बच्चे हैं. लगातार बढ़ते हुए गुमशुदा बच्चों के आंकड़े बताते हैं कि इन्हें प्रमुखता पर नहीं ढूंढा जाता है.' साल 2011 में 5004, जबकि 2010 में 2161 बच्चे लापता हुए थे. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में एक दिन में औसतन 14 से 18 बच्चे खोते हैं.