दिल्ली मेट्रो में साल का पहला मंगलवार मुसाफिरों के लिए मुसीबत भरा रहा. मेट्रो की ब्लू लाइन पर दिनभर मेट्रो रूक-रूक कर चलती रही. नतीजा ये हुआ कि सुहाने सफर की उम्मीद लिए मुसाफिर परेशान होते रहे.
मेट्रो में मुसाफिरों के लिए मुसीबत तब शुरू हुई जब मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे मेट्रो की ओवर हेड इलैक्ट्रिसिटी लाइन में खराबी आ गई. प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन के पास में ओएचई में फॉल्ट हुआ. लेकिन जल्दी ही इसका असर मेट्रो की लाइन नंबर 3 और 4 पर दिखने लगा. नोएडा, द्वारका और वैशाली के बीच चलने वाली इस लाइन पर मेट्रो ट्रेन जहां तहां खड़ी हो गईं और मेट्रो की स्पीड प्रगति मैदान के आसपास के स्टेशनों पर 20 किलोमीटर प्रति घंटा पर सीमित कर दी गई.
मेट्रो की रफ्तार पर ब्रेक लगा तो धीरे धीरे नोएडा से द्वारका और वैशाली तक अलग-अलग स्टेशनों के बीच चल रही ट्रेनें भी इससे प्रभावित होने लगीं. क्योंकि प्रगति मैदान के पास मेट्रो की स्पीड कम कर देने से ट्रेनों की बंचिंग हो गई और ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोक दिया गया और लाइन क्लीयर होने के बाद ही उन्हें आगे जाने की इजाज़त दी गई.
मेट्रो की स्पीड थमने से बढ़ी परेशानी
मेट्रो की रफ्तार पर लगाम लगी तो मेट्रो में सफर कर रहे यात्रियों की मुसीबत भी बढ़ गई. क्योंकि मेट्रो जितनी दूरी पहल दस मिनिट में तय करती थी, वो बढ़कर आधा से एक घंटे तक हो गई. इसका नतीजा ये हुआ
कि इस रूट के तमाम स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई. साथ ही मेट्रो ट्रेनों के भीतर भी हालात ठसाठस वाले हो गए. डीएमआरसी की तरफ से कहा गया कि प्रगति मैदान पर ओएचई में खराबी की वजह से
रफ्तार कम की गई. ताकि ट्रेनों के ऑपरेशन में रहते हुए ही ओएचई की मरम्मत का काम किया जा सके. लेकिन ओएचई की खराबी को ठीक करने में मेट्रो को करीब ढाई घंटे लग गए. तब मेट्रो का पूरा ट्रैक सर्किट
जाम हो गया और यात्रियों को अपना सफर पूरा करने के लिए घंटों तक ट्रेन में इंतजार करना पड़ा. भीड़ और देरी की वजह से कई यात्रियों ने तो मेट्रो से बाहर निकलकर सफर के दूसरे तरीकों को इस्तेमाल करना ही
बेहतर समझा.
दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता के मुताबिक करीब पौने तीन बजे जाकर ओएचई की खराबी दूर की गई. लेकिन मेट्रो की सर्विसेज सामान्य शाम तक नहीं हो पाई क्योंकि ट्रेनों की बंचिंग को सामान्य स्थिति में लौटने में तीन घंटे का और वक्त लगा. इस वजह से शाम को पीक अवर्स में भी मेट्रो के मुसाफिरों को समस्या का सामाना करना पड़ा.