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NGT ने पुणे में नदी के किनारे मेट्रो प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक लगाई

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मुला-मुठा नदी के मुहाने पर पुणे मेट्रो रेल के लिए किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर अंतरिम स्थगनादेश जारी कर रोक लगा दी है.

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मुला-मुठा नदी के आसपास निर्माण कार्य पर रोक
मुला-मुठा नदी के आसपास निर्माण कार्य पर रोक

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मुला-मुठा नदी के मुहाने पर पुणे मेट्रो रेल के लिए किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर अंतरिम स्थगनादेश जारी कर रोक लगा दी है. NGT की वेस्ट जोन ब्रांच ने ये आदेश पर्यावरण हित से जुड़ी याचिका (EIL) पर दिया. ये याचिका कारोबारी अनु आगा, सामाजिक कार्यकर्ता सारंग यदवडकर, दिवंगत पत्रकार दिलीप पडगांवकर और कारोबारी आरती किर्लोस्कर की ओर से दायर की गई थी. आदेश देने वाली NGT की बेंच में जस्टिस यू डी सालवी और डॉ अजय देशपांडे शामिल थे.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में प्रतिष्ठित पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के भूमि-पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. NGT की बेंच ने प्रतिवादियों में महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का नाम जोड़ने का भी आदेश दिया.

पुणे मेट्रो रेल में रणनीतिक योजना के कार्यकारी निदेशक रामनाथ सुब्रामण्यिम से इस विषय पर संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि एक बार महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन याचिका का हिस्सा बन जाएगा तो चीजों को सुलझा लिया जाएगा.

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सुब्रामण्यिम ने बताया कि NGT ने साफ किया है कि याचिकाकर्ताओं की तरफ से जिस खास क्षेत्र का उल्लेख किया गया है बस वहीं निर्माण कार्य नहीं होगा लेकिन बाकी क्षेत्र में पुणे मेट्रो रेल का निर्माण शुरू किया जा सकता है. सुब्रामण्यिम ने बताया कि NGT के आदेश को चुनौती दी जाएगी और जब सही तरीके से पक्ष को रखा जाएगा तो मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा.

सुब्रामण्यिम ने बताया कि पुणे मेट्रो रेल का निर्माण पिंपरी-चिंचवाड़ में शुरू हो चुका है. इसे मुला-मुठा नदी तक पहुंचने में 8 से 9 महीने लगेंगे. इससे पहले ही पुणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के पूर्ण सहयोग से मेट्रो रेल टीम समुचित अध्ययन और प्लानिंग कर लेगी.

NGT में इस मामले पर अब अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी.



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