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छत्तीसगढ़: नक्सली हमले में घायल जवान को DIG ने दिया अपना खून

रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती DRG के जवान मड़कम हुर्रा को एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी सुंदरराज पी ने रक्तदान कर उसकी हौसला अफजाई की है.

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घायल जवान को DIG ने दिया अपना खून
घायल जवान को DIG ने दिया अपना खून

रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती DRG के जवान मड़कम हुर्रा को एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी सुंदरराज पी ने रक्तदान कर उसकी हौसला अफजाई की है.

बता दें कि DRG का ये जवान 10 जुलाई 2018 को सुकमा के चिंतागुफा थाने के मिनपा गांव में नक्सली मुठभेड़ में बुरी तरह से जख्मी हो गया था. नक्सलियों के आईईडी ब्लास्ट में इस जवान के दो साथी शहीद हो गए थे. रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती  इस जवान का मौका ए वारदात में काफी खून बह गया था.

आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से उसके दोंनों पैरों की सर्जरी की गई है. डॉक्टरों ने इलाज के दौरान इस जवान के लिए रक्तदान की सूचना पुलिस विभाग को दी. इस सूचना के बाद एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी सुंदरराज पी अपने दो जवान हितेश सिंह और नेमीचंद सोनी के साथ अस्पताल पहुंचे. उन्होंने खुद तीन यूनिट खून अपने इस जख्मी जवान को दिया.

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2003 बैच के इस आईपीएस अफसर की नौकरी का ज्यादातर वक्त बस्तर, कोरबा और राजनांदगांव जैसे संवेदनशील जिलों में गुजरा है. बस्तर रेंज में बतौर डीआईजी उनका आमचो बस्तर, आमचो पुलिस अभियान और ग्रामीणों से सीधी मुलाकात कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत काफी कारगर रही.

बिलासपुर रेंज के आईजी दीपांशु काबरा ने डीआईजी के इस रक्तदान को पुलिस परिवार की दिशा में रचनात्मक कदम बताया है. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के लिए ही नहीं बल्कि आम जनता के लिए भी पुलिस बल रक्तदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आईजी काबरा के मुताबिक, नक्सलियों को समझ लेना चाहिए कि पुलिस के अफसर अपने जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है.

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