माओवादियों ने रविवार को भाजपा नेता निलकंठ कक्केम की चाकू और कुल्हाड़ी से हत्या कर दी. कक्केम 15 वर्षों से उसूर के मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. वे साली की शादी की तैयारी में अपने पैतृक गांव गए थे. माओवादियों ने परिवार के सामने वारदात को अंजाम दिया. इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है.
उनके निधन से बीजेपी को झटका लगा है. निलकंठ कक्केम 30 साल से राजनीति में सक्रीय थे. बीजापुर के इलाके में उनका काफी दबदबा था. वह माओवाद से सबसे बुरी तरह प्रभावित गांव पेनक्राम गए थे. अधिकारियों की ओर से अभी तक इस घटना को लेकर कोई बयान नहीं आया है. साथ ही माओवादियों की ओर से अभी तक किसी ने भी इस हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है.
कांबिंग में गिरफ्तार हुए थे 7 माओवादी
छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ और पुलिस माओवादियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. यहां फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस की स्थापना के बाद से माओवादी गतिविधियों में कमी आ रही है. सुरक्षा बल माओवादियों को लेकर क्षेत्रों में बड़ी सतर्कता के साथ काम कर रहे हैं. यहां अक्सर माओवादियों द्वारा छिपाए गए हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद करने के उद्देश्य से सर्च डिस्ट्रक्शन ऑपरेशन के अलावा एरिया डोमिनेशन ऑपरेशन चलाए जाते हैं.
ऐसा ही एक संयुक्त अभियान 141 बटालियन सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस ने 1 फरवरी की देर रात सुकमा में कोंडावई गांव के आसपास शुरू किया. रातभर जवानों ने इलाके में सावधानी से कांबिंग की. इसके बाद 2 फरवरी को उन्होंने 7 माओवादियों को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार किए गए सभी 7 माओवादी निम्मलगुडेम की रिवोल्यूशनरी पीपल्स काउंसिल (आरपीसी) और प्रतिबंधित भाकपा माओवादी पार्टी के सदस्य हैं. सुरक्षा बलों ने जिन्हें गिरफ्तार किया, उनमें पिछले 3 वर्षों से आरपीसी सदस्य कल्मू सत्यम, कलमू जोगा, किकिदी जोगा, मदिवी मंगा और दो वर्षों से आरपीसी सदस्य मदकम ऐथा के साथ ही पिछले 1 साल से आरपीसी सदस्य कलमू भीमा को गिरफ्तार किया गया.