छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर के एक स्कूल कैंपस में 3 साल की बच्ची मुस्कान महिलांगे की मौत के मामले में परिजनों को ₹2 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है. अदालत ने इस घटना को गंभीर मानते हुए शासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई.
दरअसल, 14 अगस्त की सुबह 11:15 बजे तालापारा घोड़ादाना स्कूल परिसर में खेलते समय दीवार से टिका लोहे का पाइप बच्ची मुस्कान के सिर पर गिर गया. गंभीर चोट के बाद मासूम को जिला अस्पताल और फिर सिम्स रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
जांच में यह हादसा लापरवाही का नतीजा पाया गया. पुलिस ने आरोपी डीजे संचालक रोहित देवांगन और एक अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 106, 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया है.
हाईकोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस विभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच में मंगलवार को हुई.
शासन की ओर से महाधिवक्ता (Advocate General) प्रफुल्ल एन. भारत ने पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अब तक परिजन को भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से ₹50 हजार दिए जा चुके हैं और आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
कोर्ट ने इसे अपर्याप्त मानते हुए आदेश दिया कि राज्य सरकार मृतक बच्ची के माता-पिता को ₹2 लाख अतिरिक्त मुआवजा स्वीकृत करे और बिलासपुर जिला मजिस्ट्रेट एक माह में राशि वितरित कर अनुपालन रिपोर्ट अदालत में पेश करें.
HC बेंच ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी और स्कूल परिसरों में किसी भी प्रकार का खतरनाक या अनधिकृत सामान नहीं रखा जाना चाहिए. कोर्ट ने सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग समेत सचिव, महिला और बाल विकास विभाग को निर्देश दिए कि सभी जिलों में निरीक्षण कर जिम्मेदारी तय करें.
अदालत ने कहा कि भविष्य में किसी भी चूक पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को मुकर्रर की गई है. कोर्ट इस मामले में जिम्मेदारी भी सुनिश्चित कर सकती है.