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चपरासी की रुकी हुई सैलरी के बदले क्लर्क ले रहा था 10 हजार की रिश्वत, ACB ने रंगे हाथों दबोचा

रायगढ़ में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत एम.एफ. फारूकी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने दस हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने 2 लाख की रुकी हुई सैलरी जारी करने के लिए 20,000 की रिश्वत मांगी थी जिसकी दूसरी किस्त लेते हुए वो पकड़ा गया. स्कूल चपरासी की रुकी हुई सैलरी के बदले क्लर्क ने पैसों की मांग की थी.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत एक क्लर्क को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने सोमवार को 10,000 रुपये की घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी क्लर्क पर एक संविदा कर्मचारी का रुका हुआ वेतन जारी करने के बदले में रिश्वत मांगने का आरोप है.

क्लर्क ने मांगी थी 20 हजार की रिश्वत

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ACB अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी एम.एफ. फारूकी, रायगढ़ जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत है. उसने शिकायतकर्ता से 2 लाख की रुकी हुई सैलरी जारी करने के लिए 20,000 की रिश्वत मांगी थी.

शिकायतकर्ता एक चपरासी है, जो साल 2008 से हालाहुली गांव के एक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत है. अक्टूबर 2014 से अप्रैल 2017 तक का उसका वेतन किसी कारणवश रोक दिया गया था.

ACB की टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा

इसके बाद शिकायतकर्ता ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला दिया और लंबित वेतन जारी करने का आदेश दिया. ACB अधिकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता पहले ही फारूकी को 5,000 दे चुका था. शेष 15,000 में से 10,000 की दूसरी किस्त देने के लिए जब वह सोमवार को गया, तो ACB की टीम ने जाल बिछाकर फारूकी को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया.

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गिरफ्तारी के बाद आरोपी फारूकी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. ACB की इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में कार्यरत अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.

 

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