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छत्तीसगढ़: शिक्षकों की हड़ताल जारी, सरकार ने किया कई को बर्खास्त

तीन दिन के दिल्ली और गुजरात दौरे से लौटकर जैसे ही मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राजधानी रायपुर में अपनी आमद दर्ज की वैसे ही उन्होंने सरकारी स्कूलों की हालत का जायजा लिया. अफसरों से चर्चा की और तलखी भरे अंदाज में शिक्षाकर्मियों को आड़े हाथ लिया.

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सीएम रमन सिंह
सीएम रमन सिंह

छत्तीसगढ़ में हड़ताली शिक्षाकर्मियों और सरकार के बीच तना तनी बढ़ गई है. तीन दिन के दिल्ली और गुजरात दौरे से लौटकर जैसे ही मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राजधानी रायपुर में अपनी आमद दर्ज की वैसे ही उन्होंने सरकारी स्कूलों की हालत का जायजा लिया. अफसरों से चर्चा की और तलखी भरे अंदाज में शिक्षाकर्मियों को आड़े हाथ लिया.

रमन सिंह ने कहा कि सरकारी शिक्षकों की तरह शिक्षाकर्मियों का सविलियन किसी भी हालत में नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि हड़ताल में जाने से पहले ही शिक्षाकर्मियों को कई तरह की सुविधाएं और वेतन भत्तों में बढ़ोतरी स्वीकृत की जा चुकी है. उनके मुताबिक शिक्षाकर्मियों की हर जायज मांगों पर कमेटी विचार भी कर रही है. लेकिन शिक्षाकर्मी लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए बेमुद्दत हड़ताल पर चले गए हैं.

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मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद शिक्षाकर्मी संघ के नेता ने सरकार के रुख को तानाशाही करार दिया है. अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह की तल्खी के बाद प्रदेश में शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी में तेजी आएगी.  

छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों की हड़ताल के बाद सरकारी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई ठप्प पड़ती जा रही है. नौकरी ज्वाइन करने से पहले किसी भी हड़ताल और प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेने का हलफनामा दिए जाने  के बावजूद लगभग डेढ़ लाख शिक्षाकर्मी बेमुद्दत हड़ताल पर चले गए हैं.

इन शिक्षाकर्मियों को केंद्र सरकार के सर्व शिक्षा अभियान से मिल रही आर्थिक सहायता से वेतन और भत्ते दिए जाते हैं. समान वेतन और समान कार्य का मुद्दा उठाकर शिक्षाकर्मी सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन भत्तों की मांग कर रहे हैं. उधर शिक्षा व्यवस्था ठप्प होने से बचाने के लिए कुछ इलाकों में शिक्षा विभाग के अफसरों ने स्कूल के चपरासियों को पढ़ाई लिखाई का जिम्मा सौंप दिया है. वो भी बाकायदा सरकारी ऑर्डर जारी कर.

हालांकि बवाल मचने के तत्काल बाद  इस आदेश को निरस्त भी कर दिया गया. लेकिन चपरासियों से शैक्षणिक कार्य लेने की अनुमति वाला आदेश जारी होने से शिक्षा विभाग की तीखी आलोचना हो रही है.

उधर शिक्षाकर्मी सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार है. उन्होंने साफ कर दिया है कि भले ही सरकार उन्हें बर्खास्त कर दे. लेकिन वे झुकेंगे नहीं. अपनी मांग पूरी कराए बैगैर वे स्कूल नहीं लौटेंगे. शिक्षाकर्मियों ने अपनी हड़ताल को तेज करने के लिए राज्य भर में मंगलवार से भूख हड़ताल करने का ऐलान किया है. अपनी ताकत दिखाने के लिए प्रदेश भर के शिक्षाकर्मी गुरुवार और शुक्रवार को रायपुर में जुटेंगे.

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शिक्षाकर्मियों की  हड़ताल तोड़ने के लिए सरकार भी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. राज्य के सभी जिलों में हड़ताली शिक्षाकर्मियों की बर्खस्तगी शुरू हो गई है. राज्य के 27 जिलों में बीते तीन दिनों में लगभग 164 शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. आने वाले दिनों में सरकार और शिक्षाकर्मियों के बीच विवाद बढ़ने के आसार है.

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