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'स़ृजन' घोटाला: लालू ने नीतीश-सुशील मोदी पर बोला हमला, बोले-इसके लिए दोनों सीधे जिम्मेदार

बिहार के भागलपुर जिले के 'सृजन' घोटाले के मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वित्त मंत्री सुशील कुमार पर जमकर हमला बोला है. रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू प्रसाद ने इन दोनों को घोटाले के लिए सीधे जिम्मेदार बताया है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

बिहार के भागलपुर जिले के 'सृजन' घोटाले के मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वित्त मंत्री सुशील कुमार पर जमकर हमला बोला है. रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू प्रसाद ने इन दोनों को घोटाले के लिए सीधे जिम्मेदार बताया है. लालू ने प्रेस कॉन्फ्रंस में करीब एक दर्जन सवाल उठाकर यह बताने की कोशिश की कि इस घोटाले की साल 2013 से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जानकारी थी और उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. यही नहीं घोटाले की जांच शुरू करने वाले तत्कालीन जिलाधिकारी का तबादला ही कर दिया गया.

गौरतलब है कि बिहार में हाल के दिनों के भागलपुर के सबसे बड़े सृजन घोटाले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. 'सृजन' एक गैर सरकारी संस्था है, जो जिले में महिलाओं के विकास के लिए कार्य करती थी, असल में इस संस्था का मुख्य धंधा करोड़ों का गोरखधंधा था. इस संस्था ने पिछले कई वर्षों से बैंकों की मिलीभगत से सरकारी जमा खाते से तकरीबन 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध निकासी की. इस घोटाले को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है.

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लालू के सवाल

लालू प्रसाद यादव ने 'सृजन' घोटाले के मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी से कई सवाल पूछे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में लालू द्वारा पूछे गए सवाल इस प्रकार हैं:

 

1) 25 जुलाई 2013 को संजीत कुमार नाम के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री बिहार को सृजन महिला बैंक चलाने और करोड़ों के गबन संबंधित जानकारी देते हुए एक विस्तृत पत्र लिखा था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं करके घोटाले करने वालों को बचाया ही नहीं, अपितु उन्हें सरकारी खजाना लुटने के लिए प्रोत्साहित किया.

2) 9 सितंबर 2013 को रिज़र्व बैंक ने, बिहार सरकार को पत्र लिखकर 'सृजन समिति' में हो रहे घोटाले और वितीय अनियमितता की जांच करने को कहा था. रिज़र्व बैंक ने को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार को भी कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की. मुख्यमंत्री ने रिज़र्व बैंक के संदेह को भी दरकिनार करते हुए लगातार घोटालेबाजों का सहयोग किया.

3) 2013 में तत्कलीन DM ने 'सृजन' मामले में शिकायत मिलने पर जांच का आदेश दिया था, लेकिन जांच रिपोर्ट आज तक नहीं आई. नीतीश बताएं, उस जांच रिपोर्ट को क्यों दबाया गया? उस जांच रिपोर्ट को दबाकर किसे फायदा पहुंचाया गया?

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4) 2013 में 'सृजन' घोटाले में जांच का आदेश देने वाले जिलाधिकारी का मुख्यमंत्री ने तबादला क्यों किया?

5) 2006 से चल रहे इस घोटाले में मुख्यमंत्री ने 10 साल तक कार्रवाई क्यों नहीं की? मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी इस मामले के सीधे दोषी हैं.

6) आर्थिक अपराध शाखा ने सृजन घोटाले में लिप्त बिहार सरकार की पदाधिकारी जयश्री ठाकुर के करोड़ों रुपए जब्त किए गए. उसके बावजूद भी आर्थिक अपराध शाखा ने पूरे घोटाले की अनुसंधान किसके इशारे पर नहीं की? 2005 से गृह विभाग नीतीश के पास है. नीतीश ने आर्थिक अपराध शाखा की जांच को क्यों छुपाया? उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की?

7) बिहार सरकार की पदाधिकारी जयश्री ठाकुर के सृजन खाते से 7 करोड़ 32 लाख रुपये जब्त किए गए. 14 जुलाई 2013 के हिंदुस्तान अख़बार की खबर अनुसार तत्कालीन प्रधान सचिव ने कहा था की जयश्री ADM स्तर की अधिकारी है, इसलिए उसे सेवा से बर्खास्त करने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है, लेकिन मुख्यमंत्री ने उसे इतने वर्षों तक बर्खास्त क्यों नहीं किया?  

8) जयश्री ठाकुर की अधिकांश पोस्टिंग भागलपुर और बांका में ही करने का मुख्यमंत्री का उद्देश्य था? सनद रहे कि सामान्य प्रशासन और कार्मिक विभाग मुख्यमंत्री के पास रहा है और उन्हीं की इच्छा अनुसार जयश्री ठाकुर को बांका का भू-अर्जन पदाधिकारी रहते हुए भागलपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया?

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9) 2010 में भी हमने AC/DC घोटाले को उठाया था, उसके बावजूद भी नीतीश सरकार ने ऐसे घोटालों को जारी रखा.  

10) 2010-11 में CAG ने अपनी रिपोर्ट में 11000-12000 हज़ार करोड़ के सरकारी खजाने की अनियमितता का जिक्र किया था? उसके बावजूद भी कोई कार्यवाई नहीं की गयी?

 

11) CBI जांच के आदेश पर मुख्यमंत्री किसे बेवकूफ बना रहे है? क्या वह RBI का सर्कुलर नहीं जानते, जिसमें स्पष्ट है की अगर 30 करोड़ से ज्यादा की कोई वितीय अनियमितता है तो उसकी जांच सीबीआई करेगी? यह तो 15000 करोड़ का महाघोटाला है.

 

 

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