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बिहार का सीवान: स्वास्थ्य मंत्री के गृह ज‍िले में ब्लड बैंक खाली, हो रहीं मौतें

ब‍िहार में स्वास्थ्य मंत्री के गृह ज‍िले में ही स्वास्थ्य सुव‍िधाएं खस्ताहाल हैं. यहां के एक सरकारी ब्लड बैंक में ब्लड की कमी की वजह से गर्भ में ही एक बच्चे की मौत हो गई थी. फिर भी स्वास्थ्य विभाग ब्लड बैंक में ब्लड उपलब्ध कराने में नाकाम रहा. इससे रोज कई मरीजों की मुश्किलें बढ़ रही हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

ब‍िहार में स्वास्थ्य मंत्री के गृह ज‍िले स‍ीवान में स्वास्थ्य सुव‍िधाओं की हालत खराब है. यहां के सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में ब्लड की कमी की वजह से गर्भ में ही एक बच्चे की मौत हो गई थी. फिर भी स्वास्थ्य विभाग ब्लड बैंक में ब्लड उपलब्ध कराने में नाकाम रहा. इससे रोज कई मरीजों की मुश्किलें बढ़ रही हैं.

शनिवार को गोरेयाकोठी थाने के बाजितपुर गांव के नारायण सिंह की पत्नी को प्रसव पीड़ा के बाद सदर अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती कराया गया था. महिला को इलाज के दौरान लेडी डॉक्टर ने बताया कि ब्लड की कमी है इसलिए ब्लड का इंतजाम करो या बाहर ले जाओ. इस पर उसके परिजन ब्लड की तलाश करने ब्लड बैंक गए.

जांच के दौरान पाया गया कि महिला का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है लेकिन ब्लड बैंक में ओ पॉजिटिव ब्लड नहीं मिला जबकि पीड़ित महिला के तीन परिजन ब्लड डोनेट करने के लिए तैयार थे. फिर भी ब्लड नहीं द‍िया गया. जो परिजन ब्लड देने के लिए तैयार थे, उनका दूसरे ग्रुप का ब्लड था इसलिए ब्लड बैंक के कर्मियों ने परिजनों से कहा कि ओ पॉजिटिव ब्लड के लिए ओ पॉजिटिव ग्रुप के डोनर को ही लाना होगा. इसके बाद ही ब्लड मिलेगा.

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पीड़ित महिला के देवर दीपनारायण सिंह ने बताया कि ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के व्यक्ति की तलाश करने में लेट हो गई. पीड़िता को सुबह आठ बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 1 बजे तक ब्लड नहीं मिलने से मृत बच्चे का जन्म हुआ. इसके बाद पीड़िता को घर लेकर चले गए. हालांकि परिजनों ने इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया.

इस तरह रोज एक दर्जन से ज्यादा लोग ब्लड के लिए ब्लड बैंक का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें ब्लड नहीं मिल रहा है. इससे मरीजों की मर्ज बढ़ने के साथ ही उसके परजिनों की भी परेशानी बढ़ रही है. शनिवार को थैलेसिमिया से पीड़ित एक बच्चे को भी ब्लड नहीं मिला जबकि थैलेसिमिया से पीड़ित बच्चों को प्रत्येक माह ब्लड चढ़ाना होता है. जिले में थैलेसिमिया से पीड़ित 20 बच्चे हैं जिसे हर माह ब्लड बिना डोनर के दिया जाता है. थैलेसिमिया से पीड़ित तीन मरीज ब्लड के अभाव में मर चुके हैं.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले के अस्पताल में भी ब्लड की कमी होने से जिले भर के लोग परेशान हो रहे है. सिविल सर्जन इसके लिए कैम्प लगाने की बात कर रहे हैं लेकिन कैम्प लगाने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं कर रहे है. इस वजह से एक महीने से ब्लड बैंक ब्लड की कमी से जूझ रहा है.

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