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नीतीश से नाराज शरद ने तोड़ी चुप्पी, बोले- बिहार में इसके लिए नहीं मिला था जनादेश

बिहार में सत्ता के उलटफेर के बाद कई विपक्षी दलों के नेताओं ने हाल ही में शरद यादव मुलाकात की है. वहीं बीजेपी और जेडीयू की ओर से भी रूठे शरद यादव को मनाने की कोशिश में जारी है. इतना ही सोशल मीडिया पर शरद यादव फसल बीमा योजना को लेकर मोदी सरकार पर हमला कर चुके हैं.

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महागठबंधन टूटने से नाराज शरद यादव
महागठबंधन टूटने से नाराज शरद यादव

बिहार में महागठबंधन टूटने से नाराज जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी सांसद शरद यादव पहली बार मीडिया के सामने आए. शरद यादव ने कहा कि बिहार जनता ने हमें बीजेपी के साथ आने के लिए जनादेश नहीं दिया था. उन्होंने कहा कि गठबंधन टूटने का उन्हें अफसोस है. बिहार में लालू यादव की आरजेडी का साथ छोड़ नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बना ली है जिसके बाद से पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव नाराज बताए जा रहे हैं.  

गठबंधन टूटने के बाद जेडीयू में भी फूट की खबरें सामने आई थीं. पार्टी के राज्यसभा सांसद अली अनवर भी नीतीश कुमार के फैसले से नाराज हैं. उन्होंने महागठबंधन टूटने को राष्ट्रीय आपदा बताया था. उधर रविवार को तमिलनाडु से राज्यसभा के सांसद और सीपीआई के नेता डी राजा ने भी शरद यादव से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की थी. डी राजा से पहले सीपीएम सांसद सीताराम येचुरी भी शरद यादव से मुलाकात कर चुके हैं.

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शरद यादव से मुलाकात के बाद डी राजा ने कहा था कि वह नीतीश कुमार के फैसले से खुश नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक राजा ने शरद यादव से बीजेपी और नीतीश कुमार के खिलाफ डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ खड़े रहने की बात भी कही. साथ ही जेडीयू के आरजेडी-कांग्रेस से अलग होने के बाद महागठबंधन के भविष्य पर भी चर्चा की गई थी. उन्होंने मुलाकात के बाद कहा कि अभी महागठबंधन खत्म नहीं हुआ है और बीजेपी और सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.

बिहार में सत्ता के उलटफेर के बाद कई विपक्षी दलों के नेताओं ने हाल ही में शरद यादव मुलाकात की है. वहीं बीजेपी और जेडीयू की ओर से भी रूठे शरद यादव को मनाने की कोशिश जारी है. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर शरद यादव फसल बीमा योजना को लेकर मोदी सरकार पर हमला कर चुके हैं. नीतीश कुमार की ओर से भ्रष्टाचार को एक बड़ा कारण बताते हुए लालू यादव के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद शरद यादव ने सोशल मीडिया पर काले धन और पनामा पेपर्स को लेकर मोदी सरकार और BJP पर निशाना साधा था. शरद यादव ने कहा कि सत्ताधारी दल ने काले धन को वापस लाने का वादा किया, जो पूरा नहीं हुआ और ना ही पनामा पेपर्स में सामने आए भारतीयों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है.

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